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मकर संक्रांति प्रेम व समर्पण का पर्व

ज्योताषिचार्य सुजीत श्रीवास्तव ने कहा कि मकर संक्रांति प्रेम व समर्पण का पर्व है।यह आत्मा को पवित्र करने का पर्व है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 11:31 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 11:31 PM (IST)
मकर संक्रांति प्रेम व समर्पण का पर्व
मकर संक्रांति प्रेम व समर्पण का पर्व

संतकबीर नगर:ज्योताषिचार्य सुजीत श्रीवास्तव ने कहा कि मकर संक्रांति प्रेम व समर्पण का पर्व है।यह आत्मा को पवित्र करने का पर्व है। इस वर्ष 15 जनवरी को पर्व मनाया जाएगा। सूर्य एक राशि में एक माह रहते हैं। जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं उसे मकर संक्रांति कहते हैं। 14 जनवरी को मध्य रात्रि के बाद दो बजकर आठ मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। शास्त्रीय नियम के अनुसार उदया तिथि पर ही मकर संक्रांति मनाया जाएगा। बुधवार को ही सूर्योदय के समय सूर्य मकर में गोचर करेंगे। इस समय पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा। पवित्र नदी में स्नान कर तिल, गुड़, कंबल , ऊनी वस्त्र इत्यादि का दान करना पुण्यदायी होता है। खिचड़ी चढ़ाने व भंडारा करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति संभव है। सुबह आदित्य हृदयस्तोत्र का तीन बार पाठ कर भगवान भाष्कर को गुड़, लाल पुष्प, अक्षत, लाल चंदन व से जल अर्पित करना शुभकारी है। गायत्री मन्त का जप कई जन्मों के पापों को काटता है।

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