सपा-बसपा गठबंधन में हाथी को मिली कमान
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संतकबीर नगर : लोकसभा चुनाव को लेकर हुए महागठबंधन में संतकबीर नगर की सीट बसपा के खाते में दिए जाने के बाद से अब इसके चुनावी प्रभाव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। यहां की सीट पर सपा, बसपा और भाजपा को ही परिणाम की दौड़ में शामिल प्रमुख दल माना जाता रहा है। इसमें भी सत्तारूढ़ दल होने से भाजपा और लगातार तीन बार जीत हासिल करके हैट्रिक बना चुकी बसपा के बीच जहां कड़े मुकाबले की संभावना व्यक्त की जा रही है तो वहीं कई के पाला बदलने की भी चर्चाएं तेज हो चुकी हैं।
संतकबीर नगर सीट पर लोकसभा चुनाव के आठ चुनावों के परिणामों को देखा जाय तो अष्टभुजा प्रसाद शुक्ल को भाजपा से जीत मिलने के बाद जनता दल से सुरेंद्र यादव को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था। इसके बाद जनता दल से अलग होकर बनी सपा से भालचंद्र यादव को जीत मिली थी। समय पूर्व उनकी सदस्यता निरस्त होने के बाद उन्होंने बसपा से उपचुनाव लड़ा जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी। इसके बाद के आम चुनाव में बसपा से भीष्मशंकर उर्फ कुशल तिवारी ने लगातार दो बार जीत हासिल कर बसपा की हैट्रिक पूरी की थी। इसके बाद 2014 के चुनाव में लंबे अंतराल के बाद शरद त्रिपाठी ने जीत हासिल करके कमल खिलाने का कार्य किया। चुनाव को लेकर भले ही गठबंधन होने की पुष्टि हो चुकी थी परंतु सीट किसके खाते में है यह स्पष्ट नहीं होने से सपा और बसपा से दावेदारों द्वारा जोर आजमाने का प्रयास किया जा रहा था। अब स्थिति साफ हो जाने के बाद कुछ कद्दावरों को अपनी राजनीतिक जमीन बचाए रखने के लिए पाला बदलने की चर्चाएं सामने आने लगी हैं।
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