सूफी व निर्गुण भजन सुन हुए निहाल
संतकबीर की निर्वाण स्थली मगहर में आयोजित महोत्सव के दौरान बुधवार को दर्शकों ने सूफी भजनों का भरपूर आनंद उठाया। भजनों के माध्यम से एक तरफ जहां श्रोताओं ने निरंकार ईश्वर के प्रति भक्ति व प्रेम रस का आनंद उठाया वहीं कबीर वाणी से में आध्यात्मिक रहस्यवाद एवं गुणातीत परमात्मा के बारे में संतों के विचारों का श्रवण किया। पूरा माहौल भक्ति भावों से सराबोर रहा।
संतकबीर नगर : संतकबीर की निर्वाण स्थली मगहर में आयोजित महोत्सव के दौरान बुधवार को दर्शकों ने सूफी भजनों का भरपूर आनंद उठाया। भजनों के माध्यम से एक तरफ जहां श्रोताओं ने निरंकार ईश्वर के प्रति भक्ति व प्रेम रस का आनंद उठाया वहीं कबीर वाणी से में आध्यात्मिक रहस्यवाद एवं गुणातीत परमात्मा के बारे में संतों के विचारों का श्रवण किया। पूरा माहौल भक्ति भावों से सराबोर रहा।
सूफी गायक ओमप्रकाश तिवारी ने कहत कबीर सुनो भाई साधो.., जन्म-जन्म का फेरा .. सुनाकर खूब मनोरंजन किया। अपने भजन से सुर लय ताल का सामंजस्य स्थापित किया। कबीरवाणी से भक्ति की चादर ओढ़ा दी। बच्चा पार्टी के
रब्बुल करीम, अब्दुल करीम, हसमुल् करीम निर्गुण सूफी भजन कौने रंगारे•ावा रंगे मोरी चुनरी व मोरा हीरा हेरा गइल कचरे में व तोरी गठरी में लागल चोर बटोहिया काहें सोय व अपने निर्गुण व भक्ति एवं कर्णप्रिय भक्ति गीतों पर श्रोता झूमने का विवश रहे।
ढोलक पर छोटू, तबला पर सूर्यभान ने संगत की।
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भजन से दिया संदेश
संतकबीर नगर :'पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ'., बिनु साखी संसार का झगड़ा छूटत नाहि' बेखुद की ¨जदगी..पेश कर
कलाकारों ने संत का संदेश दिया। सूफी भजन सुन श्रोता मुग्ध रहे। भजनों में खास बात तो यह रही कि इन सभी गीतों में एक तरफ जहां ईश्वर के प्रति प्रेम की भावना रही वहीं सांसारिक मोह-माया से ऊपर उठकर समूची मानवता के हित में सोचने पर विवश किया।