दहेज हत्या के आरोपित पति, सास, ससुर व देवर को आजीवन कारावास
जुर्माना न अदा करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
संतकबीर नगर : अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार वशिष्ठ ने शनिवार को दहेज की मांग पूरी न करने पर गला दबाकर हत्या करने के मामले में आरोपित पति, सास, ससुर व देवर को आजीवन कारावास व रुपये 50-50 हजार जुर्माना की सजा से दंडित किया है। जुर्माना न अदा करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी करते हुए शासकीय अधिवक्ता दुर्गा प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि गोरखपुर जिले के चिलुआताल थानाक्षेत्र के फर्टिलाइजर कालोनी निवासी विवेक गौंड ने कोतवाली खलीलाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए कहा कि उन्होंने बहन की शादी वर्ष 2002 में कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के ब्यारा गांव निवासी जीतू उर्फ जितेंद्र के साथ किया था। उनकी बहन माला गौड़ हाथ व पैर से दिव्यांग थी। शादी में सामर्थ्य के अनुसार दान-दहेज भी दिया था। बहन दिव्यांग होने के बाद भी गांव की महिलाओं को वह सिलाई-कढाई सिखाती थी। ससुराल के लोग आए दिन 50 हजार रुपये की मांग को लेकर प्रताड़ित करते थे। 28 जून 2016 को सास गायत्री, ससुर पारस, देवर विवेक गौड़ व जितेंद्र उसका गला दबाकर हत्या कर दिए। न्यायालय ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत आरोपितों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व जुर्माना की सजा से दंडित किया। विवाहिता की हत्या के जुर्म में तीन आरोपितों को आजीवन कारावास
संतकबीर नगर : अपर सत्र न्यायाधीश जैनुद्दीन अंसारी ने विवाहिता की हत्या करने के जुर्म में तीन आरोपितों को आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपया जुर्माना की सजा से दंडित किया है। मामला दुधारा थानाक्षेत्र का है।
अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी करते हुए शासकीय अधिवक्ता अभिमन्यु पाल ने कहा कि बखिरा थानाक्षेत्र के बनेथू गांव निवासी बेचन प्रसाद कन्नौजिया ने 18 दिसंबर 2017 को दुधारा थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए कहा कि उन्होंने बहन की शादी करीब 14 वर्ष पूर्व कर्मा खुर्द गांव निवासी बाबूराम पुत्र रामअचल के साथ किया था। 17 दिसंबर 2017 को उसका पति बाबूराम, भाई दिनेश व इसकी पत्नी मीरा देवी केरोसिन तेल उसके ऊपर उड़ेलकर जलाकर मार डाले। न्यायालय में मामला चलने पर गवाह पक्षद्रोही होकर उक्त घटना से मुकर गए। अन्य सरकारी गवाहों के बयान व साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने आरोपितों को दोषी करार देते हुए सभी आरोपितों को आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपये जुर्माना की सजा से दंडित किया है। जुर्माना न अदा करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।