बस्ती कोषागार में जमा जीपीएफ का धन वापस लाने में सुस्ती
माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के भविष्य निधि (जीपीएफ) का धन बस्ती में जमा होने का मामला गंभीर बना हुआ है। अभी तक इस दिशा में ठोस पहल नहीं हो सका। खबर प्रकाशित होने के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक ने इसे गंभीरता से लेकर सभी सहायता प्राप्त विद्यालयों से शिक्षकों का विवरण मांगा। करीब 20 दिन प्रक्रिया पूरी करके जून में सूचना भेजी गई अभी भी जनपद सृजन से पूर्व जमा धनराशि वापस नहीं मिल सकी है।
संतकबीर नगर : माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के भविष्य निधि (जीपीएफ) का धन बस्ती में जमा होने का मामला गंभीर बना हुआ है। अभी तक इस दिशा में ठोस पहल नहीं हो सका। खबर प्रकाशित होने के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक ने इसे गंभीरता से लेकर सभी सहायता प्राप्त विद्यालयों से शिक्षकों का विवरण मांगा। करीब 20 दिन प्रक्रिया पूरी करके जून में सूचना भेजी गई अभी भी जनपद सृजन से पूर्व जमा धनराशि वापस नहीं मिल
सकी है। ऐसे में अब आगे सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का भुगतान फंसने के आसार दिख रहे हैं।
बस्ती जिले से अलग होकर सिद्धार्थनगर और संतकबीर नगर जिले का सृजन होने के बाद भी जिला कोषागार की स्थापना के बाद भी 43 करोड़ 24 लाख रुपये बस्ती कोषागार में जमा की गई धनराशि वापस नहीं मिली। मामले को लेकर जागरण ने 20 मई 2018 के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था। इसके बाद संबंधित अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए पहल की। इसे लेकर जेडी कार्यालय में मंथन हुआ। निर्देश के अनुपालन में डीआइओएस ने सभी 34 सहायता प्राप्त विद्यालयों से फार्म छह का विवरण लिया। इसमें पूर्व 28 बस्ती जनपद व छह सिद्धार्थनगर जनपद में शामिल थे।
जिला विद्यालय निरीक्षक शिवकुमार ओझा ने बताया कि जनपद का सृजन होने के बाद से अभी तक शिक्षकों के भविष्य निधि का धन बस्ती जिले के कोषागार में है। वर्ष 1997 तक भविष्य निधि की कटौती की राशि जिले के कोषागार में स्थानांतरित करवाने के लिए पत्र भेजा गया।
सभी 34 सहायता प्राप्त विद्यालय से प्रारूप छह पर विवरण प्रधानाचार्यों से लेकर उसका सत्यापन करके भेजा गया है। शीघ्र ही जिले का जमा धन वापस मिल जाएगा।