खिचड़ी मेला गुलजार, आस्थावानों का इंतजार
खर मास कर समाप्ति व मकर संक्राति को लेकर आस्थावानों में उत्साह है। बुधवार को भगवान सूर्य के मकर राशि में पहुंचने पर दान-पुण्य के साथ खिचड़ी चढ़ेगी।
संतकबीर नगर : खर मास कर समाप्ति व मकर संक्राति को लेकर आस्थावानों में उत्साह है। बुधवार को भगवान सूर्य के मकर राशि में पहुंचने पर दान-पुण्य के साथ खिचड़ी चढ़ेगी। सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक संतकबीर की निर्वाण स्थली पर मेला गुलजार है। समाधि पर अनेकों श्रद्धालु मत्था टेककर खिचड़ी चढ़ाएंगे।
दूर -दराज के साधु-संतों व श्रद्धालुओं का जमावड़ा शुरू हो गया है। यहां वर्षों से अनूठे संत को शत-शत प्रणाम कर खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा निर्वहन करते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं।
घाटों पर लगेगा मेला
मकर संक्रांति पर्व की रौनक दिखने लगी है। राप्ती नदी स्थित करमैनी व नौगो, घाट, कुआनों नदी स्थित मुखलिसपुर, सांखी व घाघरा नदी स्थित चहोड़े, बिड़हर, मयंदी एवं रामबागे घाट आदि स्थानों पर स्नान कर पूजा-अर्चना करेंगे। साथ ही दान देकर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। यहां श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला रविवार से प्रारंभ हो जाएगा। पूजन-अर्चन कराने के लिए आचार्य व पंडित स्थान निश्चित करने लगे हैं। श्रद्धालुओं व साधु-संतों की उपस्थिति से रौनक बढ़ने लगी है।
सूर्य व शिव की होगी पूजा
सूर्य के मकर राशि में पहुंचने की संक्रांति को शंकरमनम भी कहा जाता है। यह हर क्षेत्र में मनाएं जाने वाला त्योहार है। सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते पर स्नान-ध्यान, दान-पुण्य का महत्व है। पं.रमेश चंद दूबे के अनुसार इस दिन खिचड़ी चढ़ाने व सेवन करने का महत्व है।
भंडारे में दिखता है समरसता का भाव
कबीर समाधि स्थली पर दूर दराज से आने वाले संतों व भक्तगणों के लिए भंडारे का आयोजन किया गया है।
सत्संग व भंडारा में प्रसाद लेने के लिए भारी संख्या में लोग सहभागी बनते है। कबीर चौरा महंत विचार दास ने बताया कि
यहां की खिचड़ी का इतिहास जगन्नाथपुरी में समरसता से जुड़ा है।
झूला-चर्खी की सजी दुकानें
मगहर में मकर संक्रांति मेला परवान पर है। छोटे-बड़े झूले व दुकानें लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए है। टे-बड़े, बुजुर्ग सभी पहुंच कर आनंद लेने में जुटे है। स्थानीय व बाहर लगी दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ है। खजला की मिठास लेने को लोग पहुंच रहे है।