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सुदामा चरित्र की कथा सुन भर आईं आंखें

शहर के पुरानी सब्जी मंडी में भजनों के बीच खेली गई फूलों की होली -भगवान से धन का नहीं भक्ति का आशीर्वाद लेना हितकारी अजय

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 11:12 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:09 AM (IST)
सुदामा चरित्र की कथा सुन भर आईं आंखें
सुदामा चरित्र की कथा सुन भर आईं आंखें

संतकबीर नगर:

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शहर के पुरानी सब्जी मंडी में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में आठवें दिन रविवार को सुदामा चरित्र प्रसंग हुआ। भजनों के बीच आस्थावानों ने फूलों की होली खेली। जयकारा से पंडाल गूंजता रहा।

वृंदावन से पधारे कथा व्यास अजय कृष्ण शास्त्री ने कहा कि सुदामा और भगवान श्रीकृष्ण बचपन में एक ही साथ संदीपनि गुरु के आश्रम में शिक्षा किया। गुरु माता द्वारा दी श्रापित चने की पोटली जानबुझकर ग्रहण करने वाले सुदामा ने ग्रहण किया। अपने मित्र को नहीं खाने दिए। दरिद्र होने के बाद पत्नी सुशीला के कहने पर द्वारिकाधीश से मिलने पहुंचे तो प्रभु नंगे पांव दौड़े। सुदामा को आसन पर बैठाना, आंसुओं से चरण धोने की कथा मनोहारी ढंग से सुनाया। प्रभु से उन्होंने केवल भक्ति ही मांगी।

इस मौके पर मुख्य यजमान कंतलाल गुप्ता, आचार्य रामजियावन द्विवेदी, संगम गुप्ता, शुभम गुप्ता, अरविद गुप्ता, भरत गुप्ता, सुदामा गुप्ता, साहबराम तिवारी, अजय वर्मा, भजन गायक गोरखनाथ मिश्र, राकेश गुप्ता, हिमांशु गुप्ता, श्रवण गुप्ता, संजीव भट्ट, डा. विजय कृष्ण ओझा सहित अनेक श्रोता मौजूद रहे।

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पूर्णाहूति आज

भागवत कथा का समापन सोमवार को हवन से होगा। शाम पांच बजे से भंडारा करके प्रसाद वितरण होगा। यह जानकारी आयोजक संगम गुप्ता ने दी।


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