सच्चे मन से कार्य करने पर परमात्मा भी करते हैं सहयोग
संतकबीर नगर : शहर के समय माता मंदिर परिसर में नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ में छठवें दि
संतकबीर नगर : शहर के समय माता मंदिर परिसर में नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ में छठवें दिन शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग सुन कर श्रोता भावविह्वल हो उठे। पुष्प वर्षा के साथ प्रभु आरती हुई। भजन-कीर्तन में सभी का उत्साह बना रहा।
कथा में प्रवचन करते भागवताचार्य राजकुमार शास्त्री ने कहा कि प्रभु ने मानव जीवन श्रेष्ठ कर्मो के लिए दिया है। बुद्धि, विवेक से मानवता के साथ धर्म की रक्षा आवश्यक है। धर्म से शक्ति व संबल प्राप्त होता है, जितना सामर्थ्य हो धर्म का कार्य करना चाहिए। सच्चे मन से कार्य करने पर परमात्मा भी सहायक बनते हैं।
कथा व्यास ने कहा कि संसार में बुराई के दो रूप होता है एक असली व दूसरा नकली। असली बुराई की परख बाद में हो पाती है।
श्रीकृष्ण जन्म का वृतांत सुनाते हुए कहा कि कंस जिस समय देवकी व वासुदेव का रथ हांक रहा था उस समय भगवान ने आकाशवाणी की। प्रभु ने सचेत किया कि जो कंस सुधरा हुआ दिख रहा है वह बुराई का नकली रूप है। प्रभु का स्मरण करने में ही सच्चा सुख है।
श्रीमद् भागवत कथा में जयकारे व हे कृष्ण गो¨वद हरे मुरारी से पंडाल गूंजता रहा वहीं आकर्षक झांकी देख श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हरे कृष्ण गो¨वद मुरारी मनहर शब्दों एवं मधुर भजनों की भक्ति में श्रोता गोता लगाते रहे। इस मौके लाल बाबा बालक दास, पवन छापड़िया, अवधेश पांडेय, अनिल शास्त्री, डा. नागेंद्र मिश्रा, विजय मिश्रा, प्रिंस कुमार मिश्रा, कृष्ण चंद्र दूबे, महेश गुप्ता, राजेश गुप्ता, विवेक छापड़िया, राजेश पांडेय, माधव मिश्रा, माया दूबे, आराधना, साधना, विजय लक्ष्मी दूबे सहित अनेक श्रोता मौजूद रहे।