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प्रभु के स्मरण मात्र से होता है कल्याण : आचार्य धरणीधर

संतकबीर नगर : ग्राम सभा बालू शासन में चल रही श्रीमछ्वागवत कथा के चौथे दिन रविवार को आचार्य धरणीधर ने

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 10:26 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 10:26 PM (IST)
प्रभु के स्मरण मात्र से होता है कल्याण : आचार्य धरणीधर
प्रभु के स्मरण मात्र से होता है कल्याण : आचार्य धरणीधर

संतकबीर नगर : ग्राम सभा बालू शासन में चल रही श्रीमछ्वागवत कथा के चौथे दिन रविवार को आचार्य धरणीधर ने कहा कि भेद तीन प्रकार के होते हैं। सात्विक, राजस तथा तामस, उनकी श्रद्धाओं के भेद से गतियों के फलों में भेद हो जाता है। जैसे सात्विक श्रद्धा से धर्म होता है, उससे प्राणियों को सुख की प्राप्ति होती है। राजसी श्रद्धा से धर्म और अधर्म दोनों होते हैं। उनसे सुख और दुख की प्राप्ति होती है एवं तामसी श्रद्धा से केवल अधर्म होता है। उससे दुख तथा सुख की प्राप्ति होती है किसी भी पुरुष की सर्वदा एक ही श्रद्धा नहीं रह सकती है। गुणों के परस्पर संबंध से प्राणी के हृदय में यथा समय तीनों गुणों का संचार होता है। समस्त जीवों का यह सभी गतियां क्रम से प्राप्त हुआ करती हैं। अत : जैसे शास्त्र विहित धर्म का फल स्वर्ग कहा गया है। उसी प्रकार अधर्म का फल नरक बताया गया है। इस अवसर पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि इंद्र देव राय (फागू राय) सांसद प्रतिनिधि महेन्द्र दुबे, संजीव राय, सन्तोष नारायण राय, स्वतंत्रलाल श्रीवास्तव, रवीन्द्र ¨सह एडीओ पंचायत अधिकारी हरिशचन्द्र ¨सह, दुर्गेशचंद्र पाण्डेय, धनुषधर, जगदीश प्रसाद शुक्ला, सत्य प्रकाश राय, ¨रकू राय, वेद प्रकाश राय समेत तमाम भक्त गण उपस्थित रहे।

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