केंद्रीय टीम ने लिया फाइलेरिया अभियान का जायजा
संक्रमण होने पर पेट दर्द उल्टी आदि की आती हैं समस्याएं - दवा से होने वाली दिक्कतों से घबराएं नहीं
संत कबीरनगर: यदि फाइलेरिया की दवा खाने से पेट दर्द, उल्टी, मिचली, चक्कर आने के साथ ही शरीर पर चकत्ते पड़ने की बात सामने आए तो इससे घबराना नहीं चाहिए। यह आपके शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद होने का संकेत है। दवा शरीर में फैले संक्रमण को खत्म करती है। इस दौरान कुछ समस्याएं सामने आती हैं। सोमवार को केंद्रीय टीम ने खलीलाबाद और बघौली क्षेत्र में अभियान के प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान चिकित्सकों ने लोगों को यह जानकारी दी।
निदेशक मलेरिया एवं वेक्टर बार्न डिजीज डा.बिन्दु प्रकाश सिंह ने विभिन्न स्थानों पर दवा खाने से कुछ लोगों को होने वाली परेशानियों को लेकर सचेत किया।
उन्होंने आम जनता से फाइलेरियारोधी की खुराक लेने की अपील की। उन्होंने बताया कि दवा खाने से होने वाली परेशानी का समाधान करने के लिए हर सीएचसी-पीएचसी पर रैपिड रिस्पांस टीम बनी है। फाइलेरिया की दवा खाली पेट न खाएं और स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सामने ही खाएं। जिला मलेरिया अधिकारी डा. अंगद सिंह ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान लोगों को बताया कि क्यूलेक्स नामक मच्छर से इस बीमारी के पैरासाइट शरीर में प्रवेश करते हैं। पांच साल तक डाईएथाइल कार्बामाजिन (डीईसी) नामक दवा का सेवन एल्बेंडाजोल के साथ करने से बीमारी के रोगाणुओं को खत्म किया जा सकता है।
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केंद्रीय टीम ने सिहटीकर में की जांच
फाइलेरिया अभियान के पर्यवेक्षण के लिए भारत सरकार के राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के प्रतिनिधि आशीष कुमार ने खलीलाबाद और बघौली क्षेत्र में निरीक्षण किया। खलीलाबाद के मान्यवर कांशीराम आवास योजना और बघौली ब्लाक के सिहटीकर में अभियान की प्रगति को देखा। आशा कार्यकर्ता लोगों की दवा की खुराक देती मिली। सीएमओ डा. हरगोविद सिंह,जिला सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील चौधरी के साथ अनेक लोग मौके पर मौजूद रहे।