देहधारी पुरुष को निगुर्ण का ज्ञान होना संभव नहीं
जासं, बघौली : बघौली क्षेत्र के ग्राम सभा बालू शासन में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन मंगलव
जासं, बघौली : बघौली क्षेत्र के ग्राम सभा बालू शासन में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन मंगलवार को आचार्य धरणीधर जी ने कहा देहधारी पुरुष को निर्गुण का ज्ञान होना संभव नहीं है। सगुण के गुणों का तो अंत ही नहीं है। ऐसी दशा में जो प्राणी कर्मों का फल भोगता हुआ मन वाणी एवं शरीर से प्रभु को नमन करना हुआ कल्याण पथ पर अग्रासर रहता है। उन्होंने कहा कि परमात्मा तो माया से परे है।माया प्रभु के अधीन है। रजोगुण से उत्पन्न अज्ञानी अपने में इस वक्त का अभिमान कर अज्ञान से ऐसा अंधा होकर प्रभु को पहचान ही नहीं पाता।
इस अवसर पर मुख्य यजमान इंद्रदेव राय फागू, कमलाकांत पांडेय, राजेंद्र राय, सत्य प्रकाश राय,वेद प्रकाश राय, ¨रकू राय,भीम राय, गिरजेश पांडेय, राम ¨सह,संतोष राय, सुरेश मौर्य, बनारसी गुप्ता, सुशील राय, फुलचंद्र राय, विजय मद्देशिया, गौरीशंकर राय, बैजू साहनी, दीपू राय आदि मौजूद रहे।