जेई-एईएस प्रभावित गांवों में पांच माह में मिल सकता है टोटी का पानी
जैपनिज इंसेफ्लाइटिस(जेई)व एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम(एईएस)व आर्सेनिक से प्रभावित गांवों के लोगों को पांच माह में टोटी से साफ पानी मिल सकता है।
संतकबीर नगर: जैपनिज इंसेफ्लाइटिस(जेई)व एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम(एईएस)व आर्सेनिक से प्रभावित गांवों के लोगों को पांच माह में टोटी से साफ पानी मिल सकता है। प्रथम किस्त की आवंटित राशि खर्च कर फिलहाल 50 फीसद काम पूरा हो गया है। इसके लिए और धनराशि की डिमांड की गई है। कार्यदायी संस्था जल निगम इस पर तेजी से काम कर रही है।
नीर निर्मल योजना के तहत द्वितीय चरण में इस जनपद के जेई, एईएस व आर्सेनिक से प्रभावित 31 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इन गांवों में साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए पाइपलाइन पेयजल के 24 प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। इसकी कुल लागत 40 करोड़ रुपये है। वर्ल्ड बैंक लागत की पूरी धनराशि दे रही है। प्रथम किस्त के रूप में मिले 12 करोड़ रुपये खर्च कर कार्यदायी संस्था जल निगम ने लगभग पचास फीसद काम पूरा कर लिया है। दूसरी किस्त के रूप में नौ करोड़ रुपये की डिमांड की गई है। एक्सईएन-जल निगम वीपी सिंह ने यह जानकारी देते हुए कहाकि सितंबर-2019 तक 24 प्रोजेक्टों को पूरा करने का लक्ष्य है। इन पाइपलाइन पेयजल प्रोजेक्टों के पूरा हो जाने पर गांववासियों को टोटी से साफ पानी मिल सकेगा।
इंसेफ्लाइटिस से 39 बच्चों की हो चुकी है मौत
इंसेफ्लाइटिस से प्रभावित इस जिले में वर्ष 2010 से अब तक 39 बच्चों की मौत हो चुकी है। प्रदूषित जल व गंदगी इस बीमारी की प्रमुख वजह बताई जाती है। इसलिए इस बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए प्रभावित गांवों में पाइपलाइन पेयजल परियोजना पर काम हो रहा है। इस कार्य में विश्व बैंक