हाईकोर्ट ने पंचायत सचिवों के तबादले पर मांगा जवाब
लंबे समय से एक ही ब्लाक में जमे 22 पंचायत सचिवों का 30 सितंबर 2020 को दूसरे ब्लाक में तबादला कर दिया गया था। इसमें 13 ग्राम विकास अधिकारी और नौ ग्राम पंचायत अधिकारी शामिल थे। उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह व उत्तर प्रदेश ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि शासन ने 12 मई 2020 को शासनादेश जारी किया था। इसमें कोरोना महामारी के दृष्टिगत सूबे में अग्रिम आदेश तक स्थानांतरण पर रोक लगा दी थी।
संतकबीर नगर: हाईकोर्ट ने पंचायत सचिवों के तबादले के मामले में जिला प्रशासन से 14 दिसंबर तक जवाब देने को कहा है। शासनादेश का उल्लंघन बताते हुए तबादला आदेश को निरस्त करने के लिए जनपद के पंचायत सचिवों की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसी प्रकरण में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। इससे जिले के प्रशासन व विकास महकमे के आला अधिकारियों के माथे पर पसीना ला दिया है।
लंबे समय से एक ही ब्लाक में जमे 22 पंचायत सचिवों का 30 सितंबर 2020 को दूसरे ब्लाक में तबादला कर दिया गया था। इसमें 13 ग्राम विकास अधिकारी और नौ ग्राम पंचायत अधिकारी शामिल थे। उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह व उत्तर प्रदेश ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि शासन ने 12 मई 2020 को शासनादेश जारी किया था। इसमें कोरोना महामारी के दृष्टिगत सूबे में अग्रिम आदेश तक स्थानांतरण पर रोक लगा दी थी। शासनादेश का उल्लंघन करके जिले के आला अधिकारियों ने पंचायत सचिवों का तबादला कर दिया था। इसके चलते कई पंचायत सचिव कोरोना की चपेट में आ गए थे। स्थानांतरण को निरस्त करने के लिए पंचायत सचिवों ने अधिकारियों से अनुरोध भी किया लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया। इसकी वजह से पंचायत सचिवों को न्याय पाने के लिए हाईकोर्ट का शरण लेना पड़ा। अब उन्हें न्यायालय के फैसले का इंतजार है।
डीएम दिव्या मित्तल ने कहा कि फिलहाल हाईकोर्ट से उनके पास इस आशय का पत्र नहीं आया है। पत्र मिलने के बाद उचित पहल की जाएगी।