हे भोले बाबा अइलीं तोहरे द्वार, विनती सुनलीं हमार.
श्रावण मास के चौथे व आखिरी सोमवार को शिवालयों में जलाभिषेक हुआ। प्राचीन शिवमंदिर बाबा तामेश्वरनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। यहां पूजन-अर्चन का सिलसिला सुबह शुरू हुआ तो पूरे दिन चला।
संतकबीर नगर : श्रावण मास के चौथे व आखिरी सोमवार को शिवालयों में जलाभिषेक हुआ। प्राचीन शिवमंदिर बाबा तामेश्वरनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। यहां पूजन-अर्चन का सिलसिला सुबह शुरू हुआ तो पूरे दिन चला। हर हर महादेव, बम -बम भोले, ओम नम: शिवाय: के जयघोष व शंखनाद से वातावरण भक्तिमय बना रहा। बाबा तामेश्वरनाथ धाम पर जलाभिषेक व पूजन-अर्चन के लिए श्रद्धालु भोर से ही जुटे रहे। मंदिर में जलाभिषेक व श्रद्धा से चढ़ाए गए बेलपत्र, पुष्प से शिव¨लग ढका रहा। परिसर स्थित अन्य मंदिर खासकर माता पार्वती के मंदिर में महिलाएं विधि विधान से पूजन किया। मंदिर परिसर में गोस्वामी वंशजों ने महामंत्र का जप करके सेवा भाव से जुटे रहे। फूल -माला, प्रसाद, पूजन -अर्चन सामग्री की दुकानों पर खरीदारी हुई। यहां घंटा व घड़ियाल की गूंज के साथ कपूर, अगरबत्ती की सुगंध से वातावरण भक्तिमय बना रहा। प्रशासन द्वारा पल-पल की गतिविधियों की निगरानी होती रही।
---
मंदिरों में पूजन-अर्चन : शहर के समय माता मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। देवी दर्शन के साथ परिसर में स्थिति शिव ¨लग पर जल, बेलपत्र आदि चढ़ाकर आराधना की गई। श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर, हनुमान गढ़ी मंदिर, हनुमान मंदिर, शिव मंदिर स्टेशनपुरवा, मड़या, जूनियर हाईस्कूल शिव मंदिर, पाटेश्वरी मंदिर, दुर्गा मंदिर बरदहिया आदि स्थानों पर पूजन किया गया। इसके साथ ही देवाधिदेव महादेव बाबा डिगेश्वरनाथ धाम, कोपेश्वरनाथ कोपिया, बैजूनाथ धाम बसवारी गांव, कंकड़ेश्वरनाथ, अंगेश्वर नाथ, मुक्तेश्वर नाथ, मुहम्मदपुर रामजानकी शिव मंदिर, सिद्धेश्वरनाथ भगता, पिडिया शिव मंदिर, मगहर स्थित शिव मंदिर, नाथनगर शिव मंदिर आदि स्थानों पर जलाभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। चुरेब संवाददाता के अनुसार मीरगंज शिव मंदिर, पचपोखरी शिव मंदिर पर भक्तों ने जलाभिषेक किया। श्रीराम जानकी शिव मंदिर चुरेब में भजन-कीर्तन करके गुणगान किया गया।
--------------
कांवड़ियों का अभिनंदन
तामेश्वरनाथ: प्राचीन शिव मंदिर तामेश्वरनाथ धाम में कावंड़ियों का अभिनंदन किया गया। रविवार की देर रात से ही पूजन-अर्चन व प्रसाद वितरण का कार्यक्रम शुरू हो गया। रात्रि भजन-कीर्तन से भोलेनाथ का गुणगान हुआ। गोस्वामी वंशजों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सरयू नदी से जल भरकर आ रहे शिवभक्तों के विश्राम, भोजन, जलपान की व्यवस्था के साथ उनके स्नान-ध्यान, पूजन-अर्चन की व्यवस्था रही। कांवड़ लिए भक्तों ने यहां से आगे की यात्रा के लिए प्रस्थान किया।