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इंसेफ्लाइटिस से कइयों की जान गई पर नहीं चेता प्रशासन

संतकबीर नगर: वित्तीय सत्र 2012-13 से 2014-15 तक जनपद के 35 मासूमों की जान इंसेफ्लाइटिस से चली गई लेक

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Jun 2018 11:07 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jun 2018 11:07 PM (IST)
इंसेफ्लाइटिस से कइयों की जान गई पर नहीं चेता प्रशासन
इंसेफ्लाइटिस से कइयों की जान गई पर नहीं चेता प्रशासन

संतकबीर नगर: वित्तीय सत्र 2012-13 से 2014-15 तक जनपद के 35 मासूमों की जान इंसेफ्लाइटिस से चली गई लेकिन जिला प्रशासन ने इससे सबक नहीं लिया। गंदगी और दूषित जल के कारण फैलने वाली इस बीमारी से बचाव के कितनी पहल हो रही है, यह किसी से छिपा नहीं है। जब किसी गांव में नेता अथवा अधिकारी की चौपाल लगती है तब गांव के खराब इंडिया मार्क हैंडपंप सही किए जाते हैं, दवा का छिड़काव होता है और गंदगी साफ की जाती है। इसके पहले और बाद में गांव में झांकने अधिकारी, कर्मचारी नहीं जाते। बतौर उदाहरण के रुप में खलीलाबाद-तामेश्वरनाथ राजकीय मार्ग पर लगे इंडिया मार्क हैंडपंप को लिया जा सकता है। इस मार्ग के बनियाबारी से लेकर ऐतिहासिक तामेश्वनाथ मंदिर तक सड़क के किनारे लगे कुल 87 इंडिया मार्क हैंडपंप में से 79 गंदा पानी दे रहे हैं जबकि आठ कई साल से खराब हैं।

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कहां-कैसी है, हैंडपंपों की स्थिति..!

बनियाबारी में सड़क किनारे चार हैंडपंप लगे है, इसमें से तीन हैंडपंप पीला पानी दे रहे हैं, रामदास के घर के पास लगा एक हैंडपंप तीन वर्षों से खराब है।

चकदही में सड़क के किनारे दस हैंडपंप लगे हैं, ये सभी हैंडपंप पीला पानी दे रहे हैं। इसमें से निकलने वाला पानी एक घंटे बाद पीला हो जाता है।

पायलपार चौराहे के आसपास 12 हैंडपंप लगे हैं, इसका भी यही हाल है, यहां भी सभी हैंडपंप पीला पानी दे रहे हैं।

निखरकपार चौराहे पर सिर्फ दो इंडिया मार्क हैंडपंप लगे हैं, ये भी गंदा पानी दे रहे हैं। वहीं

सियरासांथा चौराहे पर पांच हैंडपंप लगे हैं, ये सभी हैंडपंप पीला पानी देते है। पप्पू तिवारी के घर के सामने लगे हैंडपंप से निकलने वाले पानी में कीड़े भी रहते हैं। मंझरियागंगा चार हैंडपंप लगे हैं, इसमें से एक हैंडपंप ¨वध्याचल शर्मा के घर के सामने लगा है यह तीन वर्षा से खराब पड़ा है तो वहीं तीन अन्य हैंडपंप पीला पानी दे रहे हैं।

देवरिया गंगा चौराहे के आसपास 15 इंडिया मार्क हैंडपंप लगे है। इसमें से पांच खराब पड़ा है,दो हैंडपंप तो वर्षो से जमीन के अंदर धंसा पड़ा है,तीन पानी ही नहीं देते, दस हैंडपंप पानी तो देते है पर गंदा।

नौरंगिया चौराहे के आसपास 17 इंडिया मार्का हैंडपंप लगे हैं, सभी हैंडपंप गंदा पानी दे रहे हैं। यहां के लोगों का कहना है कि सभी हैंडपंप का पानी एक घंटे तक किसी बर्तन में रख देने पर न केवल पानी पिला हो जाएगा अपितु बर्तन भी पीला हो जाता है, प्रभुनाथ के घर के सामने लगे हैंडपंप से निकलने वाला पानी न केवल गंदा होता है अपितु यह पानी बदबूदार होता है। ऐतिहासिक तामेश्वरनाथधाम में लगे 18 इंडिया मार्क हैंडपंपो से दो गंदा पानी दे रहे हैं, वहीं मंदिर के पीछे लगा एक हैंडपंप कई माह से खराब पड़ा है। क्षेत्र पंचायत सदस्य विजय भारती का कहना है की मंदिर गेट से अंदर प्रवेश करने पर पाएंगे कि रास्ते में जो भी हैंडपंप लगे हैं, वह गंदा पानी दे रहे हैं।

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तामेश्वरनाथधाम:गंदे पानी से प्यास बुझाने की नौबत..!

मलमास (पुरुषोत्तम मास) में तामेश्वरनाथधाम आने वाले कांवड़ियों व अन्य श्रद्धालुओं को इस गर्मी में यहां पर काफी दिक्कत होती है। विवशता में इन्हें इन खराब इंडिया मार्क हैंडपंपों का गंदा पानी-पीना पड़ता है। प्राचीन शिव मंदिरों में से एक तामेश्वरनाथधाम में इस पावन माह में हर दिन सैंकड़ों भक्त भोले शिवशंकर के दर्शन के लिए आते हैं। जबकि सोमवार के दिन यह भीड़ हजारों की संख्या में बदल जाती है, इसके बाद भी जिम्मेदार खामोश हैं। जल्द हैंडपंपों को ठीक नहीं किया गया तो अगस्त-2018 में पड़ने वाले श्रावण मास पर श्रद्धालुओं को साफ पानी के लिए सांसत झेलनी पड़ सकती है।

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इस गर्मी के मौसम में हैंडपंपों का खराब रहना हैरत में डालने वाली है। इंसेफ्लाइटिस प्रभावित इस जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लगे हैंडपंपों की देखरेख व मरम्मत की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की है। उदासीनता के कारण ऐसी स्थिति आती है। इसकी जांच कराई जाएगी और खराब हैंडपंपों को सही कराया जाएगा।

हाकिम ¨सह

सीडीओ-संतकबीरनगर

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