वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन दे सरकार
शिक्षकों ने स्कूलों के संचालन के समयावधि और विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग की।
संतकबीर नगर : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री को संबोधित नौ सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। शिक्षकों ने स्कूलों के संचालन के समयावधि और विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग की। संगठन के जिलाध्यक्ष संजय द्विवेदी ने कहा कि सरकार को वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मान जनक वेतन देने का प्रावधान करना चाहिए। सेवा नियमावली निर्गत नहीं होने से वित्तविहीन शिक्षकों का भविष्य अधर में है।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि शासन स्तर से विद्यालय का समय सुबह 8:00 से 4:30 बजे किया गया है। यह इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के विरुद्ध व अव्यवहारिक है, इसे वापस लिया जाना चाहिए। ज्ञापन में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल किए जाने, सभी शिक्षकों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा दिलाने समेत अनेक मांगे प्रमुख रही। इस मौके पर गिरिजानंद यादव, मोहिबुल्लाह खान, महेश राम, विध्याचल सिंह, राहुल कुमार, विजय यादव, विवेकानंद यादव,विनोद चौरसिया, पारस नाथ यादव, जितेंद्र कुमार, कमर आलम, अरशद जलाल,मंतोष कुमार मौर्या, गोपाल जी सिंह, ब्रह्मादेव, अवधेश, आफताब आलम अंसारी समेत अनेक माध्यमिक शिक्षक मौजूद रहे।
यहां तो पानी में घुसकर स्कूल जाने को मजबूर हैं बच्चे
संतकबीर नगर: धनघटा तहसील क्षेत्र के कटार मिश्र स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के परिसर में एक माह से अधिक समय से पानी भरा है। स्कूल खुलने के बाद बच्चे मजबूर होकर गंदे पानी में घुसकर स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं। स्कूल में नामांकित बच्चों, हिमांशु, रंजीत, शुभम, शिवम आदि ने सोमवार को बताया कि स्कूल परिसर में जमा गंदा पानी से बदबू भी उठ रही है। इससे कक्षा व कमरों में बैठना कठिन है।
क्षेत्रीय निवासी राम शरण, रंजीत, बाबूलाल, श्रीराम, प्रमोद आदि ने कहा कि पहली बारिश के बाद से ही विद्यालय में पानी भरा गया है। जब विद्यालय खुलना था, तभी जिम्मेदारों से कहा गया कि पानी निकासी की व्यवस्था करवा दीजिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यही कारण है कि स्कूल में बच्चों की संख्या इकाई में पहुंच रही है। पूरा परिसर पानी में डूबा है, ऐसे में कौन बच्चे को स्कूल भेजेगा। ग्रामीणों ने कहा कि परिसर में जमा पानी से अब बदबू उठ रही है, जिससे संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका है। लोगों ने जिलाधिकारी से खुद मामले को संज्ञान में लेकर विद्यालय परिसर को जलजमाव से मुक्त करवाने की मांग की।