भागवत कथा में जन्मोत्सव प्रसंग पर झूमे श्रोता
संतकबीर नगर: चुरेब क्षेत्र के कौवाटार में भागवत कथा में दूसरे दिन रविवार को जन्मोत्सव प्रसंग हुआ। भग
संतकबीर नगर: चुरेब क्षेत्र के कौवाटार में भागवत कथा में दूसरे दिन रविवार को जन्मोत्सव प्रसंग हुआ। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव प्रसंग पर भए प्रगट कृपाला दीन दयाला, हे नाथ नारायण हे वासुदेवा से प्रभु की स्तुति की गई। भजन-कीर्तन व सोहर से परिसर भक्तिमय बना रहा। प्रसंग को रोचक बनाने के लिए आयोजक मंडल द्वारा व्यापक प्रबंध किए गए। श्रोताओं ने नंदोत्सव की भक्ति में गोता लगाकर प्रभु की आराधना की।
कथा व्यास ने पं.श्यामा प्रसाद मिश्रा ने प्रसंग को विस्तार देते हुए कहा कि भागवत कथा कल्याण करने वाली है। पावन कथा जीवन को संवारने कर सुख, समृद्धि, शांति व ईश्वर के प्रति भक्ति भावना को बढ़ाने वाली है। कथा से नैतिकता, सत्कर्म, परोपकार व कर्तव्य परायण बनने की सीख मिलती है, वहीं भक्ति भावना भी बढ़ती है। कलियुग में कथा ही मानव कल्याण का एक मात्र माध्यम है।
उन्होंने कहा कि भागवत सागर है। इसको जानने के लिए भक्ति, ज्ञान व विवेक चाहिए। यह ज्ञान भक्ति की रस में डूबने से व सच्चे मन से कथा श्रवण करने से ही हासिल हो सकता है। उन्होंने कहा कि कहा कि धन, बल, आयु से इंसान बड़ा नही होता, केवल ज्ञान से इंसान बड़ा होता
है। धन की भक्ति, भोग की भक्ति तज कर भगवान की भक्ति में रमना से मानव जीवन का उद्धार संभव है। उन्होंने कहा कि कथा में प्रभु का दर्शन मिलता है प्रभु के बारे में जानने व उनकी कृपा प्राप्त करने का सुअवसर मिलता है। अंत में आरती व प्रसाद वितरण हुआ।
इस मौके पर आयोजक मंडल के पं.प्रदीप,हनुमान चतुर्वेदी, माया देवी, राधेश्याम गुप्ता, रमेश चंद्र, शरद चंद्र यादव, जर्नादन, अशोक कुमार, विजय जायसवाल सहित अनेक श्रोता मौजूद रहे।