¨हदी भाषा में समाहित है अनंत ज्ञान का भंडार
संतकबीर नगर: ¨हदी दिवस के अवसर पर शुक्रवार को हीरालाल रामनिवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय पर विचार गोष्
संतकबीर नगर: ¨हदी दिवस के अवसर पर शुक्रवार को हीरालाल रामनिवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्वानों ने ¨हदी की महत्ता पर अपने विचार पर रखा। महाविद्यालय के प्राचार्य डा. दिग्विजय नाथ पांडेय ने कहा कि ¨हदी हमारी संस्कृति और परंपरा और पहचान है। ¨हदी देश को एकता के सूत्र में जोड़ती है । ¨हदी राष्ट्र भाषा के रूप में देश के माथे की ¨बदी बने यह संकल्प लेने की जरूरत है। ¨हदी भाषा मानव की संवेदनाओं के अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। भाषा जितनी सरल और ग्राह्य होगी हम उसे उतनी ही सरलता से अभिव्यक्त कर पाते हैं। समाज मे अंग्रेजी की मानसिकता हावी है। हमें गुलामी की मानसिकता छोड़नी होगी।
मुख्य नियंता डा. प्रताप विजय कुमार ने ¨हदी भाषा ही नहीं बल्कि पूरी जीवन शैली का नाम है। शब्दकोश के मामले में ¨हदी को दुनिया के सबसे
उन्नत भाषा होने का दर्जा प्राप्त है। ¨हदी विभागाध्यक्ष डा. प्रत्युष दूबे ने कहा कि सरलता और व्यापकता ¨हदी की विशेषता है। इसे राष्ट्रभाषा बनाए जाने की महती आवश्यकता है। भाषा के विकास में साहित्यकारों का योगदान सर्वोपरि है। भारत के सभ्यता और संस्कृति की जानकारी आम जनता तक पहुंचाने में ¨हदी ही सर्वोत्तम विकल्प रही है। असीमित शब्द कोश और विविधताओं के कारण विश्व के अनेक देशों में ¨हदी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। इसे राष्ट्रभाषा बनाए जाने की महती आवश्यकता है।
डा. पूर्णेश नारायण ¨सह ने कहा कि है सतत विकास के लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा। सभी को अपने कार्यव्यवहार में ¨हदी को उतारने की आवश्यकता है। कार्यक्रम को डा. संध्या राय, डा. अमर नाथ पांडेय, डा. यागेंश पाल, प्रिया अग्रहरि आदि ने संबोधित किया। संचालन अमित भारती ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं व शिक्षक उपस्थित रहे। माधव प्रसाद त्रिपाठी राजकीय महिला महाविद्यालय खलीलाबाद पर राज भाषा में ¨हदी का विकास विषयक संगोष्ठी हुई। प्राचार्य डा. धर्मेंद्र प्रताप शाही ने कहा कि ¨हदी वैज्ञानिक व समृद्धि भाषा है। ¨हदी जोड़ने का कार्य करती है इसे जानकर सभी को इसके विकास में सहयोग करना चाहिए। संचालन ¨हदी विभागाध्यक्ष डा. अखंड प्रताप ¨सह ने किया। इस मौके पर डा. पुष्पलता गुप्ता,डा. आशाराम, कृष्णकुमार विश्वकर्मा, विद्याधर मिश्र, डा. संतोष कुमार चंद समेत अनेक लोग मौजूद रहे। सिटी पब्लिक स्कूल खलीलाबाद में संगोष्ठी हुई। प्रधानाचार्य शंभू पांडेय ने कहा कि ¨हदी भाषा ही नहीं बल्कि पूरी जीवन शैली का नाम है। ¨हदी को दुनिया के सबसे उन्नत भाषा होने का दर्जा प्राप्त है। सभी को अपने आचरण व व्यवहार में ¨हदी को उतारने की आवश्यकता है। यहां सीबी पांडेय, अखिलेश कुमार, पल्लवी आदि ने संबोधित किया। डायट में प्रवक्ता ओंकार नाथ मिश्रा ने कहा कि ¨हदी दिवस की नहीं दैनिक जीवन में होनी चाहिए। यहां चंद्रमौली, आद्या प्रसाद, चंदन शुक्ला आदि मौजूद रहे। खलीलाबाद में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनीता यादव ने कहा भारतीय सभ्यता और संस्कृति के साथ जुड़ी भाषा होने के साथ ही ¨हदी अभिव्यक्ति का सरल माध्यम प्रदान करती है। ¨हदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिए जाना चाहिए। विजय कुमार ने कहा कि यह जीवन शैली व वैज्ञानिक भाषा है। की मांग की। इस मौके ज्ञानप्रकाश, चंद्रशेखर त्रिपाठी, रेनू आदि मौजूद रहे। गायत्री शक्तिपीठ के आचार्य रमेश चंद्र दूबे ने कहा कि राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए भावनाओं के अभिव्यक्ति का सरल माध्यम जरुरी है इसके लिए ¨हदी से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं है। ¨हदी को बढ़ावा देने के लिए सभी को सबसे पहले अपने ²ष्टिकोण में परिवर्तन लाना होगा। हम सुधरेंगे जग सुधरेगा का नारा यहां भी समीचीन है। कूड़ीलाल रुंगटा सरस्वती विद्या मंदिर इंटमीडिएट कालेज खलीलाबाद पर ¨हदी दिवस मना। यहां निबंध लेखन, वाद-विवाद, विचार संगोष्ठी, काव्य पाठ, श्रुतीलेख प्रतियोगिता हुई। संबोधित करते हुए संतोष कुमार ने कहा कि जन जन को भाषा के महत्व से जागरूक करना होगा। गौरव यदुवंश ने कहा कि ¨हदी भाषा समाज को एकता के सूत्र में बांधती है। विकास चौधरी ने मानस की चौपाई से प्रेरित किया। शान्य ने ¨हदी के ज्ञान के बिना जीवन अधूरा है। त्रिभूवन यादव, निखिल त्रिपाठी आदि ने कहा कि ¨हदी भाषा में भारत की सभ्यता और संस्कृति की छाप निहित है। इसे राजभाषा का दर्जा तो मिला परंतु राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिलना ¨चता जनक है। मुख्य विषय रखते हुए सुदक्षिणा ¨सह ने कहा कि ¨हदी दुनिया की पहली भाषा है जो जिस प्रकार लिखी जाती है उसी प्रकार बोली भी जाती है। अध्यक्षता दयाशंकर पांडेय ने की। इस मौके पर अर¨वद राय, दिनेश मिश्रा, सुखेंद्रु पांडेय, अरूणेंद्र त्रिपाठी, गो¨वद त्रिपाठी , तेजबहादुर ¨सह, अजय, दिग्विजय ¨सह, सर्वेश राय, रामाज्ञा, चंचल ¨सह, प्रदीप, राजकुमार, प्रीति मिश्रा आदि मौजूद रहे।