बस्ती के सहारे चल रहा संतकबीर नगर का डायट
संतकबीर नगर : जनपद में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बस्ती मंडल मुख्यालय के सहारे चल रहा है। बह
संतकबीर नगर : जनपद में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बस्ती मंडल मुख्यालय के सहारे चल रहा है। बहुद्देशीय सभागार न बनने व प्रवक्ताओं की तैनाती न होने से यहां बीटीसी की 100 सीटों का कोटा निरस्त हो गया है। साथ ही प्रशिक्षण व काउंसि¨लग आदि कार्य नहीं संपन्न हो पा रहे है। स्थापना के 12 वर्ष बाद भी विविध कार्यक्रम मंडल मुख्यालय के सहारे चल रहे है। इसके साथ ही पदों के सापेक्ष तैनाती भी नहीं हो सकी है। ऐसे में जहां ब व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो रहा है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की स्थापना 2005 में जिला मुख्यालय पर किया गया, तभी से यह बस्ती डायट से संचालित हो रहा है। स्थापना काल के बाद से ही मान्यता के लिए प्राचार्य ने नेशनल काउंसि¨लग टीचर एजुकेशन जयपुर में आवेदन किया था। लेकिन टीम के न आने से मान्यता संबधी जांच पूरी नहीं हो सकी थी। बाद में जांच के कोरम का अभाव मिला। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण तत्कालीन निदेशक पुष्पा रंजन ने सात माह पूर्व जांच के समय मल्टीर्पपज हाल की कमी को उजागर किया। डायट भवन बनने के बाद मानक पूरा तो किया गया लेकिन बहुद्देश्शीय कक्ष का निर्माण नहीं कराया जा सका। निदेशक ने इसके लिए दिशा निर्देश भी दिया था। ¨कतु इस दिशा में अभी ठोस पहल नहीं की जा सकी है। इसके अभाव में काउंसिलिंग व विशेष प्रशिक्षण का कार्यक्रम नहीं चल पा रहा है। ऐसे में मंडल मुख्यालय पर चक्कर काटना मजबूरी बनी हुई है। भवन तैयार होने के 12 वर्ष बाद भी डायट अस्तित्व में नहीं आ सका है। 17 प्रवक्ता के सापेक्ष दो, चार एलटी में एक के साथ चार अन्य प्रवक्ता की तैनाती है। कुल 47 पदों के सापेक्ष दर्जन भर की तैनाती है। जहां एक तरफ रिक्त पदों पर तैनाती नहीं हुई वहीं स्थानांतरण के बाद से पद रिक्त है।
डायट को अब जल्द ही मान्यता मिलने की उम्मीद जगी थी। मान्यता को लेकर पूर्व में 21 दिसंबर 2013 को एनसीटी जयपुर की टीम दौरा किया। कार्यालय के निरीक्षण व संसाधनों का अवलोकन करने के बाद अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी। उसके बाद आगे की कार्रवाई नहीं की जा सकी। प्राचार्य द्वारा नेशनल काउंसिलिंग टीचर एजुकेशन जयपुर के अधिकारियों ने पत्र भेजकर सूचित किया भी किया था। कार्यालय के निरीक्षण व संसाधनों का अवलोकन किया। अब अड़चने दूर होने लगी है। प्राचार्य प्रताप ¨सह बघेल ने बताया कि इसके संबंध में पत्र भेजा गया है। प्रवक्ताओं तैनाती हुई है। उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देश पर कार्य किए जा रहे हैं शीघ्र ही समस्या दूर हो जाएगी।