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मिट्टी के ढेर में अपने लाल को बदहवास ढूंढता रहा

संतकबीर नगर : बखिरा थाना क्षेत्र का महदेवा गांव एक पिता की चीखों से गुरुवार दोपहर रो पड़ा। पक्के मका

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 11:54 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 11:54 PM (IST)
मिट्टी के ढेर में अपने लाल को बदहवास ढूंढता रहा
मिट्टी के ढेर में अपने लाल को बदहवास ढूंढता रहा

संतकबीर नगर : बखिरा थाना क्षेत्र का महदेवा गांव एक पिता की चीखों से गुरुवार दोपहर रो पड़ा। पक्के मकान में रहने की ख्वाहिश को जमीं पर उतारने के लिए जिस कच्चे मकान की दीवार को वह ढहा रहा था, उसी के नीचे उसका लाल दुनिया से विदा हो गया। इकलौते बेटे के इस गम ने हरिश्चंद्र को अंदर तक तोड़कर रख दिया है। वह बदहवास मिट्टी के ढेर में अपने बेटे को ढूंढता रहा, लेकिन जब उसका बेटा मिला तो वह मिट्टी का पुतला भर था। उसकी जान इस दुनिया से जा चुकी थी।

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हरिश्चंद्र को कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री आवास मिला था। उसने सोचा कि अब कच्चे मकान को गिराकर पक्का मकान बनवाएगा, लेकिन उसे क्या पता था उसकी ख्वाहिशों को किसी की नजर लग जाएगी। मकान का एक हिस्सा गिराने के दौरान उसका बेटा आनंद (8) उसी के नीचे दबकर मर गया। काम खत्म होने के बाद जब उसने अपने बेटे को खोजना शुरू किया तो वह नहीं मिला। आसपास के घरों में भी ढूंढा। फिर एकाएक ख्याल आया कि कहीं वह मिट्टी के नीचे न हो। जब उसने मिट्टी हटानी शुरू की तो उसके नीचे उसकी आंखों का तारा दबा पड़ा था। लोगों ने उसे मिट्टी के अंदर से बाहर निकाला तथा उपचार के लिए ले जाने को तैयार हुए लेकिन तब तक आंनद की मौत हो गई। इकलौते पुत्र की मौत हो जाने से हरिश्चंद्र पागल सा हो गया। आनंद की माता सरौती देवी अपने बेटे की मौत हो जाने से सदमे में है। मृतक आनंद की तीन बहनें थी जिसके बाद आनंद पैदा हुआ था लेकिन उसकी मौत से परिजन सदमे में हैं।


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