नहरें सूखी व नलकूप पडे़ खराब
सूखी नहरें और खराब नलकूपों ने गेहूं की बोवाई में जुटे किसानों के माथे पर चिता की लकीरें खींच दी है। महंगे डीजल के जरिए पंपसेट से सिचाई करने पर खेती की लागत अधिक हो जाएगी। इससे फसल की लागत निकाल पाना होगा। खेती-किसानी के समय सिचाई की यह खराब स्थिति चौंकाने वाली है।
संतकबीर नगर: सूखी नहरें और खराब नलकूपों ने गेहूं की बोवाई में जुटे किसानों के माथे पर चिता की लकीरें खींच दी है। महंगे डीजल के जरिए पंपसेट से सिचाई करने पर खेती की लागत अधिक हो जाएगी। इससे फसल की लागत निकाल पाना होगा। खेती-किसानी के समय सिचाई की यह खराब स्थिति चौंकाने वाली है।
आंकड़ों में जिले में 105 राजकीय नलकूप खराब हैं, जबकि धरातल पर इससे अधिक खराब हैं। मेंहदावल प्रतिनिधि के अनुसार तहसील क्षेत्र में मेंहदावल के छपिया अंगद में कई माह से, धर्मसिंहवां के टोटहा में दो साल से राजकीय नलकूप खराब है। इसके अलावा अन्य गांवों में लगे राजकीय नलकूप खराब चल रहे हैं। पौली प्रतिनिधि के अनुसार रोशया बाजार गांव में स्थित नलकूप कई माह से बंद है, वर्तमान समय में यह नलकूप किसानों द्वारा रखे बजड़ी से ढंका हुआ है।
धनघटा प्रतिनिधि के अनुसार गेहूं की बोवाई के समय मुखलिसपुर का कुआनों नहर सूखा है। नंदौर प्रतिनिधि के अनुसार नंदौर गांव के पास स्थित नहर में सिचाई के लिए एक बूंद पानी नहीं है।
कांग्रेस के कार्यकाल में सरयू नहर केंद्रीय जल आयोग के अधीन आया था। इस नहर के जरिए किसानों के खेत के टेल तक पानी पहुंचाने की मंशा थी। किसानों की खेती की लागत को कम करना प्रमुख लक्ष्य था। सरयू नहर को इस लायक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बिदु पर काम होना था। सेटेलाइट का भी सहयोग लिया जाना था। इससे प्राप्त तस्वीरों के जरिए रैट होल व गैप को भरा जाना था। खलीलाबाद ब्लाक के तामेश्वरनाथ सहित कई स्थानों पर यह नहर हर साल कटती है। यह नहर किसानों को लाभ पहुंचाने के बजाय इनकी फसल को डूबो कर हर साल बर्बाद करती है। वहीं सेमरियावां सहित कई स्थानों पर सरयू नहर में पानी तब आता है जब किसान इसके लिए हल्ला मचाते हैं।
रवीश गुप्त ने कहा कि सिचाई कार्य में किसानों को कोई दिक्कत नहीं होने पाएगी। खराब राजकीय नलकूपों को जल्द सही करा दिया जाएगा। जिन नहरों में पानी नहीं है, वजह जानकार इस पर उचित पहल होगी।