अनलाक के बाद बदल रही है कारोबार की स्थिति
कोरोना काल में लगे लाकडाउन के चलते सभी कारोबार तबाह हो गए थे। घरों में लोगों के कैद होने से सब कुछ ठप सा हो गया था।
संतकबीर नगर : कोरोना काल में लगे लाकडाउन के चलते सभी कारोबार तबाह हो गए थे। घरों में लोगों के कैद होने से सब कुछ ठप सा हो गया था। बड़े-छोटे और मझोले सभी दुकानदारों का धंधा बंद था। हार्डवेयर की दुकानदारी भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी, लेकिन अनलाक में आने के बाद स्थितियां धरे-धीरे बदल रही हैं। अभी स्थिति सामान्य होने में समय लगने की संभावना है, लेकिन काम-धंधा पटरी पर लौट रहा है। दुकानदारों को उम्मीद है कि त्योहारों के बाद स्थितियां बदलेंगी। धान की फसल कटने के बाद व त्योहारों का आगमन होने के साथ ही दुकानों की पुरानी रंगत काफी हद तक लौटती दिख रही है। इसी उम्मीद में दुकानदार पुराने दिन लौटने के सपने देखने लगे हैं।
मेंहदावल के टड़वरिया चौराहे पर हार्डवेयर की दुकान चलाने वाले सुनील अग्रहरि बताते हैं कि लाकडाउन के समय दुकान पूरी तरह से बंद थी। लोग जान बचाने में लगे थे। घरों से बाहर निकलने की मनाही थी। ऐसे में मकानों के निर्माण का कार्य पूरी तरह से ठप पड़ गया था। अब देश अनलाक में पहुंचा है तो लोग मकान निर्माण का कार्य शुरू करवा रहे हैं, जिससे हार्डवेयर की दुकानें भी काफी हद तक चलने लगी हैं। आमदनी बढ़ने से दुकानदारों की रोजी-रोटी का जरिया बेहतर हुआ है। हार्डवेयर के काम से जुड़े मिस्त्री और मजदूर भी खुश हैं कि उन्हें काम मिलना शुरू हो गया है। कामगारों का छिन गया था रोजगार
सुनील बताते हैं कि उनकी दुकान पर चार लोगों को रोजगार मिलता है। लाकडाउन होने के बाद वह तो बेकार हुए ही साथ-साथ दुकान पर काम करने वाले कामगार भी बेरोजगार हो गए। इससे एक तरफ अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा था तो दूसरी तरफ दुकान पर काम करने वाले मजदूरों के परिवारों का भरण-पोषण भी मुश्किल हो रहा था। जैसे तैसे स्थिति से निकल मिला है। सभी लोग इस उम्मीद में रहते थे कि लाकडाउन खत्म होगा, लेकिन उसके बढ़ने से ह्रदय बैठ जाता था। ईश्वर का धन्यवाद है कि लाकडाउन का कठिन समय देश के लोगों ने काट लिया। नुकसान की भरपाई में लगेगा समय
सुनील बताते हैं कि हार्डवेयर की दुकानों में लंबी पूंजी लगती है। लगभग पांच महीने तक बिक्री शून्य थी। काफी सामान जंग खा गए तो कुछ पेंट व रंग भी पुराने हो गए, जिसके कारण उनकी बिक्री करने में परेशानी होगी। इस नुकसान की भरपाई करने में अभी वक्त लगेगा। पिछले दो माह से दुकान पर ग्राहक पहुंच रहे हैं, जिससे पुरानी रंगत में दुकानों के पहुंचने की उम्मीद बलवती हो रही है। जैसे- जैसे किसान, मजदूर, आम आदमी के पास पैसे आएंगे वैसे- वैसे दुकानों की स्थिति पहले जैसी होती जाएगी। त्योहारों व शादी-विवाह पर टकटकी लगाए हैं दुकानदार
हार्डवेयर की दुकान काफी हद तक त्योहार व शादी-विवाह के सीजन पर निर्भर रहती है। जब दिन बड़ा होता है तो गांवों में घर बनने की रफ्तार अधिक होती है। ऐसे में दुकानदारी भी बेहतर होती है। अब सर्दी के माह में शादी-विवाह के सीजन का दुकानदार इंतजार कर रहे हैं।बाजार की स्थिति देखकर दुकानदारों को लगातार संसाधनों की आपूर्ति कराई जा रही है। उम्मीद है कि सत्र के बीतने के बाद दुकानदारी पहले जैसी स्थिति में दिखाई देगी। इसी उम्मीद में दुकानदार भविष्य का सपना बुनने में लगे है।