दोपहर बाद वीरान हो जाता है पीएचसी
अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों के रात्रि निवास के लिए आवास भी बना है। प्रयोग नहीं होने से यह जर्जर हो रहा है।
संत कबीरनगर: जिले की सीमा पर स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दानोकुइयां दोपहर बाद ही वीरान हो जाता है। यहां इलाज करवाने आने वाले लोगों को अस्पताल का बंद गेट देखकर वापस लौटना पड़ता है।दूरदराज से आए मरीजों को मजबूर होकर नीम हकीमों से इलाज करवाना पड़ रहा है।
दानोकुइयां में चार बेड का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। यह जिला मुख्यालय से लगभग 40 तथा सीएचसी सेमरियावां से लगभग 15 किमी दूरी पर है। यहां एक आयुष महिला चिकित्सक के साथ ही फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन की तैनाती है। सभी दोपहर बाद अस्पताल बंद करके अपने घर चले जाते हैं। यहां इमरजेंसी पड़ने पर कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं मिलते। अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों के रात्रि निवास के लिए आवास भी बना है। प्रयोग नहीं होने से यह जर्जर हो रहा है। खिड़की दरवाजे आदि टूटकर गायब हो रहे हैं। यहां हर दिन लगभग औसतन सौ मरीज दवा करवाने के लिए आते हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत तो महिलाओं तथा बच्चों के लिए हो रही है। क्षेत्रीय निवासी नेमतुल्लाह, रामदरश, अखिलेशकुमार, बजरंगी यादव, खलीक अहमद आदि ने कहा कि दोपहर बाद एक भी स्वास्थ्य कर्मी नहीं मिलते। सभी ने अस्पताल में चिकित्सकों की नियुक्ति के साथ इमरजेंसी सेवा उपलब्ध कराने की मांग की है। सीएचसी सेमरियावां के अधीक्षक डा. जगदीश पटेल ने कहा कि समस्या को लेकर उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा।