बैंकों में लटके हैं पांच अरब ऋण के 48 आवेदन
प्रदेश सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का बुरा हाल है। इस योजना के प्रति बैंक शाखाओं के अधिकारी उदासीन हैं। ये न तो आवेदन को स्वीकृत कर रहे हैं और न ही अस्वीकृत। जबकि इन्हें एक माह के अंदर यह करना होता है।
संतकबीर नगर: प्रदेश सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का बुरा हाल है। इस योजना के प्रति बैंक शाखाओं के अधिकारी उदासीन हैं। ये न तो आवेदन को स्वीकृत कर रहे हैं और न ही अस्वीकृत। जबकि इन्हें एक माह के अंदर यह करना होता है। जनपद के 13 बैंक शाखाओं पर पांच माह से 5.05 अरब रुपये ऋण के 48 आवेदन लटके हैं।
रिजर्व बैंक आफ इंडिया(आरबीआइ)का यह निर्देश है कि बैंक शाखाएं प्रस्तावित ऋण आवेदन को एक माह में स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करेंगे। बैंक शाखाओं के अधिकारी पांच माह से ऋण के आवेदन लटकाए हुए हैं। ये न तो स्वीकृत कर रहे हैं और न ही अस्वीकृत। न तो कोई कारण ही बता रहे हैं। इसी का परिणाम है कि एसबीआइ-धनघटा में 10 लाख के एक व सेमरियावां में 20 लाख के दो, सीबीआइ-खलीलाबाद में 50 लाख के चार, सिडीकेट बैंक-खलीलाबाद में पांच लाख के एक, यूनियन बैंक-सांथा में 25 लाख के एक व खलीलाबाद में 30 लाख के तीन, ओबीसी-खलीलाबाद में 60 लाख के तीन, आंध्रा बैंक-मेड़रापार में 10 लाख के दो, पीएनबी-खलीलाबाद में 21.50 लाख के छह व सेमरियावां में 30 लाख रुपये ऋण के तीन आवेदन लटके हुए हैं। वहीं बैंक आफ बड़ौदा-खलीलाबाद में 12 लाख के चार, इलाहाबाद बैंक-मेंहदावल में 28 लाख के दो, बड़गो में 10 लाख के एक व गोइठहां में 50 लाख के दो, बैंक आफ इंडिया-खलीलाबाद में छह लाख के एक, पूर्वांचल बैंक-मैलानी में 25 लाख के एक, हरिहरपुर में 25 लाख के दो, खलीलाबाद में 10 लाख के एक, पौली में 10 लाख के एक, बघौली में 25 लाख के एक, नंदौर में तीन लाख के एक, मझगांवा में 10 लाख के एक, बौरव्यास में 10 लाख के एक व मीरगंज में पांच लाख के एक, यूको बैंक-खलीलाबाद में पांच लाख के एक तथा इंडियन बैंक-खलीलाबाद में 10 लाख के एक आवेदन लटके हैं।
डीएम की कई बार चेतावनी के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं है। इससे बेरोजगार आवेदक ऋण न मिलने से उद्योग, धंधा नहीं कर पा रहे हैं।
रवि शर्मा
उपायुक्त-उद्योग