किसौली में बुखार से युवक की मौत, 100 से अधिक बीमार
बहजोई क्षेत्र के गांव किसौली निवासी नरेश का बेटा मुकेश (24) को चार दिन पहले बुखार आया था। तीन दिन से उसकी अचानक तबियत ज्यादा बिगड़ी तो परिजनों ने उसे बहजोई के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। डाक्टरों ने उसके चेकअप भी किए। मंगलवार की देर रात्रि में उसकी तबियत बिगड़ गई। कुछ देर बाद रात्रि में ही उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। युवक की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। कुछ वर्ष पहले ही उसकी शादी हुई थी। परिवार में उसकी पत्नी कुंवरवती व बेटा श्री कांत, राहुल है। दोनों ही बेटे मासूम है। बुधवार की शाम परिजनों ने उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया। इसके अलावा गांवों में 100 से अधिक लोग बीमार है। ज्यादातर मरीज वायरल फीवर, पेट दर्द, खुजली से पीड़ित है। गरीबी की वजह से लोग झोलाछापों से उपचार करा रहे है। हैरानी की बात तो यह है कि गांवों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिविर नहीं लगाया
सम्भल : तहसील क्षेत्र के गांव किसौली में बुखार से पीड़ित युवक की मौत हो गई। पिछले तीन दिन से उसका निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। इसके अलावा गांवों में बुखार की चपेट में सौ से अधिक लोग हैं। कुछ लोग झोलाछापों से उपचार करा रहे है। गांव में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शिविर नहीं लगाया गया है।
बहजोई क्षेत्र के गांव किसौली निवासी नरेश का बेटा मुकेश (24) को चार दिन पहले बुखार आया था। तीन दिन से उसकी अचानक तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो परिजनों ने उसे बहजोई के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। डाक्टरों ने उसका चेकअप भी किया। मंगलवार की देर रात उसकी तबीयत बिगड़ गई। कुछ देर बाद ही उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। कुछ वर्ष पहले ही उसकी शादी हुई थी। परिवार में उसकी पत्नी कुंवरवती व बेटा श्रीकांत, राहुल है। बुधवार की शाम परिजनों ने उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
इसके अलावा गांवों में 100 से अधिक लोग बीमार हैं। ज्यादातर मरीज वायरल फीवर, पेट दर्द, खुजली से पीड़ित है। गरीबी की वजह से लोग झोलाछापों से उपचार करा रहे है। हैरानी की बात तो यह है कि गांवों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिविर नहीं लगाया गया है। बुखार से पीड़ित लोगों को दी जा रही सुविधाएं : सीएमओ
बहजोई : जिले में वायरल बुखार से हो रही लगातार मौतों के बाद सीएमओ ने जागरण से बातचीत के दौरान कहा कि लोगों को सरकारी सुविधाएं देते हुए उपचार किया जा रहा है। वे सरकारी अस्पतालों में जाकर अपना उपचार करा सकते है। गांव- गांव शिविर लगाकर भी उपचार किया जा रहा है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अमिता ¨सह ने बताया कि इस समय जनपद में बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या काफी है। प्रत्येक ज्वर डेंगू नहीं होता है यह केवल वायरल बुखार का प्रकोप है। उन्होंने कहा कि बुखार के रोगियों की संख्या का कारण क्षेत्र में गंदगी, जलभराव एवं अस्वच्छता भी है। मलेरिया के लक्षण सर्दी व कम्पन के साथ एक दिन छोड़कर तेज बुखार, उल्टी और सिर दर्द व बुखार उतरते समय पसीना-पसीना हो जाना और बुखार उतरने के बाद थकावट व कमजोरी होना पाए जाने पर रक्त की जांच निकट के सरकारी अस्पताल में करायें। मलेरिया की पुष्टि होने पर नियमित दवा लें।