हम तो पश्चिम यूपी में हाईकोर्ट की बेंच बनवाने वाले के साथ
कोर्ट बेंच की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक अधिवक्ताओं की मांग पूरी नहीं हुई है। अधिवक्ताओं को उम्मीद थी कि इस बार राजनीतिक पार्टियां बेंच बनवाने की बात अपने घोषणा पत्र में शामिल करेंगी लेकिन इस बार भी अधिवक्ताओं को मायूसी ही हाथ लगी है। ऐसे में अधिवक्ताओं ने निर्णय लिया है कि जो भी बेंच बनाने का आश्वासन देगा अधिवक्ता उसी के साथ रहेंगे। स्थानीय प्रत्याशी भी इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में अधिवक्ताओं में रोष है
हाईकोर्ट बेंच का मुद्दा घोषणा पत्र में शामिल न होने से दुखी हैं अधिवक्ता
जागरण संवाददाता चन्दौसी: पिछले कई वर्षो से अधिवक्ता हाईकोर्ट बेंच की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक अधिवक्ताओं की मांग पूरी नहीं हुई है। अधिवक्ताओं को उम्मीद थी कि इस बार राजनीतिक पार्टियां बेंच बनवाने की बात अपने घोषणा पत्र में शामिल करेंगी, लेकिन इस बार भी अधिवक्ताओं को मायूसी ही हाथ लगी है। स्थानीय प्रत्याशी भी इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में अधिवक्ताओं में नाराजगी है। ऐसे में अधिवक्ताओं ने निर्णय लिया है कि जो राजनीतिक दल पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट की बेंच बनवाने का आश्वासन देगा हम उनके साथ हैं।
बार एसोसिएशन तहसील के अध्यक्ष तेजेन्द्र देव ने कहा कि पिछले 20 वर्ष जनप्रतिनिधि अधिवक्ताओं से वादे तो कर रहे हैं लेकिन किसी भी नेता ने अपने वादे को पूरा नही किया है। वीरेन्द्र कश्यप एडवोकेट बोले कि जीतने के बाद सभी नेता वादों को भूल जाते है, यही कारण है कि वर्षो बीत जाने के बाद भी अधिवक्ताओं की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच की सौगात नहीं मिली। रामेन्द्र शर्मा एडवोकेट ने कहा कि अभी तक नेताओं के वादे झूठे साबित हुए हैं। 20 वर्षो से कई सांसद व विधायक बदल गए, लेकिन किसी ने भी अधिवक्ताओं की मांग को पूरा नहीं किया। अमित प्रताप सिंह ने कहा कि दुख की बात यह है कि किसी भी राजनीतिक दल ने बेंच जैसे अहम मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया है। अब अधिवक्ता उसी पार्टी के साथ रहेंगे जो पश्चिम यूपी में बेंच बनाने का आश्वासन देगा। इस दौरान विनोद कुमार, रितेश कुमार, रामगोपाल सैनी, प्रेमप्रकाश, राघव सिंह, दिनेश यादव, रविन्द्र सागर, रुपेश सक्सेना, फिरोज आलम, नईम, महेश चन्द्र वाष्र्णेय आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।
कोट:- वादकारी को 600 किमी दूर जाना पड़ता है, जिससे उसके समय के साथ काफी रुपये भी खर्च होते हैं। अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की स्थापना हो जाती है तो काफी राहत मिलेगी।
छत्रपाल यादव, अधिवक्ता
कोट:-
छोटे-छोटे प्रदेशों में कई-कई बेंच है जबकि उत्तर प्रदेश काफी बड़ा प्रदेश होने के बाद भी मात्र एक लखनऊ में बेंच व एक हाईकोर्ट इलाहाबाद में है। पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट की स्थापना होने पर वादकारियों को काफी राहत मिल जाएगी।
मनोज वाष्र्णेय, चन्दौसी बार एसोसिएशन सचिव
कोट-
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की स्थापना होने पर वादकारियों को आने-जाने में आसानी होगी। उन्हें सस्ता व शुलभ न्याय मिलेगा। जिससे वादकारी के समय व खर्च की बचत होगी।
मुकेश पाल सिंह, अधिवक्ता
कोट:-
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की स्थापना की मांग अधिवक्ता वर्षो से कर रहे हैं। अधिवक्ता सभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश सांसदों से भी मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी भी सांसद ने इस मुद्दे को संसद में नहीं उठाया है।
बलराम शर्मा, अधिवक्ता
कोट:-
पश्चिमी यूपी में बेंच की स्थापना को लेकर कई आंदोलन हुए हैं। अधिवक्ताओं ने सांसदों को कई बाद ज्ञापन दिए। ज्ञापन लेते समय सांसदों ने बेंच बनवाने का आश्वासन भी दिया, लेकिन अभी तक भी हमारी मांग पूरी नहीं हुई है।
अरविन्द चौहान, अधिवक्ता
कोट:-
पिछले कई वर्षों से बेंच की मांग की जा रही है। इससे अधिवक्ताओं को ही नहीं बल्कि तमाम लोगों को लाभ होगा, लेकिन किसी भी पार्टी का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। इससे अधिवक्ताओं में रोष है।
महिपाल सिंह, अधिवक्ता