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आयोग की रोक के बाद भी शिक्षकों के स्थानांतरण

अभी तक आप लोगों ने बेसिक शिक्षा विभाग को शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए तो कई बार सुना होगा, लेकिन अब विभाग के अधिकारी निर्वाचन आयोग के आदेश तक को भी मानने के लिए तैयार नहीं है। 1 सितंबर से स्थानांतरण पर रोक लगने के बाद भी जिले के बीएसए ने 66 शिक्षकों के स्थानांतरण कर दिए। यह स्थानांतरण दो बार में किए गए है। पहली सूची 3 सितंबर को जबकि दूसरी सूची 14 सितंबर को जारी की गई है। अब स्थानांतरण पर रोक लगाने की बात कहते हुए विभाग के अधिकारी बचने के प्रयास में जुट गए। हालत यह हैं कि जिले के आला अधिकारियों को मामले की जानकारी होने के बाद भी वह कार्रवाई करने के बजाए शांत बैठे हुए है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 12:05 AM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 12:05 AM (IST)
आयोग की रोक के बाद भी शिक्षकों के स्थानांतरण
आयोग की रोक के बाद भी शिक्षकों के स्थानांतरण

चन्दौसी: अभी तक आप लोगों ने बेसिक शिक्षा विभाग को शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए तो कई बार सुना होगा, लेकिन अब विभाग के अधिकारी निर्वाचन आयोग के आदेश तक को भी मानने के लिए तैयार नहीं है। एक सितंबर से स्थानांतरण पर रोक लगने के बाद भी जिले के बीएसए ने 66 शिक्षकों के स्थानांतरण कर दिए। यह स्थानांतरण दो बार में किए गए है। पहली सूची तीन सितंबर को जबकि दूसरी सूची 14 सितंबर को जारी की गई है। अब स्थानांतरण पर रोक लगाने की बात कहते हुए विभाग के अधिकारी बचने के प्रयास में जुट गए। हालत यह हैं कि जिले के आला अधिकारियों को मामले की जानकारी होने के बाद भी वह कार्रवाई करने के बजाए शांत बैठे हुए है। लोकसभा चुनाव करीब आ गया है। ऐसे में चुनाव की निर्वाचन आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। इस समय तेजी से वोट बनाने और फर्जी वोटों को काटने का काम चल रहा है। इसके लिए शिक्षकों व शिक्षामित्रों को लगा रखा है। इसी को देखते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंक्टेश्वर लू ने प्रत्येक जनपद के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर आदेश दिए थे कि 1 सितंबर से लेकर 4 जनवरी तक किसी का भी स्थानांतरण नहीं किया जाए। क्योंकि निर्वाचन आयोग मानना था कि अगर स्थानांतरण होता है तो काम बाधित होगा। आदेश हर जिले को प्राप्त हुआ। प्रदेश के शायद सभी के जिले के अधिकारियों ने इस आदेश का पालन किया, लेकिन सम्भल एक बार फिर निर्वाचन आयोग की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई। हालत यह हुई कि आदेश आने के दो दिन बाद ही शिक्षकों के स्थानांतरण की सूची जारी कर दी गई। जिले के बीएसए यहीं नहीं रुके। उन्होंने दूसरी स्थानांतरण की सूची 14 सितंबर को फिर से जारी कर दी। अब मामला मीडिया तक पहुंचा तो विभाग के अधिकारियों ने अपने आप को यह कहकर बचने का प्रयास करना शुरू कर दिया कि जानकारी न होने के चलते स्थानांतरण किए थे। जानकारी होते ही स्थानांतरण पर रोक लगा दी। बीएसए वीरेंद्र प्रताप ¨सह ने बताया कि स्थानांतरण किए गए हैं, लेकिन कुछ शर्त के साथ स्थानांतरण किए गए है। जब उनसे पूछा गया कि किस शर्त के साथ स्थानांतरण किया है। इस पर उन्होंने कहा कि यह पत्र देखने के बाद बता पाऊंगा कि किस शर्त के साथ स्थानांतरण किया है।

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