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दस बजे से पहले ही कर दी गई तीनों की हत्या

कोतवाली क्षेत्र में तीन लोगों की हत्या करने से पहले हत्यारों ने उन्हें खाना तक भी नहीं खाने दिया। तीनों की हत्या रात को 10 बजे से पहले ही कर दी गई। क्योंकि परिवार के किसी भी सदस्य ने उस समय तक खाना नहीं खाया था। घर में उस दिन मांस बना था और रोटी बनाने के लिए आटा मल दिया था। हालात बता रहे हैं कि तीनों लोग किसी बाहरी व्यक्तियों का इंतजार कर रहे थे। शायद उन्हीं के लिए मांस भी बनाया गया था। मौके पर मिली शराब भी कुछ इसी तरफ इशारा कर रही है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा हैं कि जो लोग मांस खाने के लिए घर में आ रहे थे उन्होंने ही तीनों की हत्या कर दी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 11:32 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 11:32 PM (IST)
दस बजे से पहले ही कर दी गई तीनों की हत्या
दस बजे से पहले ही कर दी गई तीनों की हत्या

चन्दौसी: कोतवाली क्षेत्र में तीन लोगों की हत्या करने से पहले हत्यारों ने उन्हें खाना तक भी नहीं खाने दिया। तीनों की हत्या रात को 10 बजे से पहले ही कर दी गई क्योंकि परिवार के किसी भी सदस्य ने उस समय तक खाना नहीं खाया था। घर में उस दिन मांस बना था और रोटी बनाने के लिए आटा मल दिया था। हालात बता रहे हैं कि तीनों लोग किसी बाहरी व्यक्तियों का इंतजार कर रहे थे। शायद उन्हीं के लिए मांस भी बनाया गया था। मौके पर मिली शराब भी कुछ इसी तरफ इशारा कर रही है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा हैं कि जो लोग मांस खाने के लिए घर में आ रहे थे उन्होंने ही तीनों की हत्या कर दी। तिहरे हत्याकांड में यह बात तो लगभग साफ होती हुई दिख रही हैं कि तीनों की हत्या किसी करीबी ने ही की है, क्योंकि अगर लूट के इरादे से हत्या होती तो शायद हत्यारे तीनों की जान न लेते। साथ ही अगर जान भी लेते तो इतने क्रूर तरीके से हत्या न की जाती। वहीं घर का मेनगेट खुला होना भी इस तरफ ही इशारा कर रहा हैं कि तीनों की हत्या किसी करीबी ने ही की है, क्योंकि किसी अंजान व्यक्ति को देखकर घर का दरवाजा न खुलता घर के मुख्य गेट पर मेन होल लगा हुआ है। वहीं जब पुलिस को जांच के दौरान रसोई में बना हुआ मांस और रोटी बनाने के लिए मल कर रखा गया आटा मिला तो पुलिस भी यह सोचने के लिए मजबूर हो गई कि शायद जिन लोगों ने हत्या की है, वह भी मांस खाने के लिए संतोष के घर आ रहे थे। हालात बयां कर रहे हैं कुछ बाहरी लोगों का तीनों इंतजार कर रहे थे, क्योंकि मांस बनकर तैयार हो गया था और रोटी के लिए आटा भी मल दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी चारपाई पर लेटकर सभी लोग टीवी देखने लगे। इससे लगता हैं कि तीनों टीवी देखते हुए बाहरी लोगों के आने का इंतजार कर रहे थे। हालात बता रहे हैं कि तीनों की हत्या रात 10 बजे से पहले ही कर दी गई थी। उस समय तक खाना भी नहीं खाया था अगर हत्या देर रात होती तो तीनों खाना खा चुके होते। अब पुलिस हत्यारोपी करीबी मानते हुए मामले की जांच करने में जुटी हुई है। सीसीटीवी में कैद लोगों की कुंडली खंगालने में लगी पुलिस

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चन्दौसी: कोतवाली क्षेत्र में जिस घर में शुक्रवार की रात तीन शव मिलने के बाद जब पुलिस को मौके से कुछ साक्ष्य नहीं मिले तो पुलिस ने घर के आसपास में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालने लगी। शनिवार को सुबह एसओजी टीम ने एक दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज एकत्र की। इसके बाद अन्य दो स्थानों पर लगे कैमरों की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली है। फुटेज में कालोनी के अंदर चहल पहल तो नजर आती हुई दिख रही है, लेकिन अभी तक पुलिस संदिग्धों को चिन्हित नहीं कर सकी है, क्योंकि शनिवार को पुलिस ने फुटेज जल्दबाजी में देखी हैं, लेकिन अब पुलिस सहीं से जब फुटेज देखेगी तो कुछ सफलता मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। आज होगा दो शवों का अंतिम संस्कार

चन्दौसी: पोस्टमार्टम के बाद केसर के परिजन शव को लेकर बुलंदशहर चले गए है। उन्होंने केसर के शव का अंतिम संस्कार शनिवार को ही कर दिया, लेकिन संतोष व नौकरानी के शव पोस्टमार्टम के बाद गांव राजा के मझौला में पहुंचे। यहां पर पहले से ही तैनात श्रुति के परिजन शव को लेकर गुड़गांव चले गए जबकि संतोष के शव का रविवार को अंतिम संस्कार होगा, क्योंकि संतोष की छोटी बेटी अभी तक चन्दौसी नहीं पहुंची है। डॉग स्क्वाड भी खाली हाथ

चन्दौसी: घटनास्थल पर साक्ष्य जुटाने के लिए शनिवार को पुलिस द्वारा डॉग स्क्वाड टीम भी बुलाई गई। मौके पर बुलाई गई टीम का डॉग घटना स्थल से कुछ दूर स्थित एक पैलेस के गेट तक पहुंचा और वहां पर जाकर रुक गया। डॉग तीन बार पैलेस के गेट तक पहुंचा। ऐसे में पुलिस ने पैलेस के गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी खंगाली शुरू कर दी। पुलिस द्वारा अंदाजा लगाया जा रहा हैं कि जिस दिन हत्यारों ने घटना को अंजाम दिया उस दिन पैलेस में कार्यक्रम चल रहा था और हत्यारे उसी का फायदा उठाकर पीछे के गेट से कार्यक्रम में होते हुए साफ निकल गए।

दिन भर घर के बाहर जुटी रही पुलिस और भीड़

चन्दौसी: घर के अंदर शव मिलने के बाद पुलिस ने घर को तो बंद कर दिया गया, लेकिन सुबह जानकारी होने के बाद घर के आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस भी घर के आसपास में ही टहल रही थी। पूरे दिन भीड़ और पुलिस जुटी रही। दोपहर पुलिस बल के साथ एसपी यमुना प्रसाद भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने सबसे पहले पूरे मुहल्ले में काबिग की। इसके बाद पड़ोसियों से कुछ जानकारी जुटाई। चन्दौसी पहुंचने पर हुई श्रुति के परिजनों को हत्या की जानकारी

चन्दौसी: संतोष उसके रिश्ते के देवर व नौकरानी की हत्या होने की जानकारी महिला के भाई ने संतोष की दोनों बेटियों को तो दे दी, लेकिन नौकरानी श्रुति के माता पिता को उसकी हत्या होने की बात नहीं बताई। हादसे में घायल होने की बात कहते हुए उन्हें चन्दौसी बुला लिया। श्रुति के पिता मां, दो बहन और ताई चन्दौसी पहुंच गए। यहां के बाद संतोष के भाई ने उन्हें अपने गांव राजा का मझौला बुला लिया। जब तक परिजन बेटी की हत्या होने की बात से अंजान थे, लेकिन जैसे ही उन्हें मामले की जानकारी हुई तो उनमें कोहराम मच गया। शाम तक नहीं पहुंचे संतोष के सुसराली

चन्दौसी: संतोष समेत तीन लोगों की हत्या होने के बाद भी शाम तक सुसराली मौके पर नहीं पहुंचे। संतोष के भाई राजबहादुर ही तीनों शवों को पोस्टमार्टम कराने के लिए पहुंचे। दोपहर लगभग 3 बजे जानकारी होने पर केसर के परिजन पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंच गए। जबकि संतोष के सुसराली शाम तक भी मौके पर नहीं पहुंचे। हालांकि कुछ लोगों का कहना था कि उन्हें अभी मामले की जानकारी नहीं दी गई है। केसर के बेटे से पुलिस ने की पूछताछ

चन्दौसी: पिता की हत्या होने की जानकारी केसर के बेटे को शनिवार की सुबह अखबार पढ़ने के बाद हुई। जानकारी होते ही बेटा ललित परिजनों के साथ दोपहर बाद पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गया। उस समय तक पुलिस को केसर के पिता का भी नाम पता नहीं था। जैसे ही केसर का बेटा पहुंचा तो पुलिस ने उससे पूछताछ करनी शुरू कर दी। पुलिस ने केसर के बेटे से नंबर पूछा तो उसने कह दिया कि दो दिन पहले मेरा मोबाइल गिर गया है। यह सुनकर पुलिस दंग रह गई। इसके बाद धनारी इंस्पेक्टर र¨वद्र प्रताप ¨सह केसर के बेटे ललित को एक कार में ले गए। जहां पर आधा घंटे तक उन्होंने उससे पूछताछ की। पिता से बात नहीं करता था ललित

चन्दौसी: केसर पिछले तीस वर्ष से संतोष के साथ ही रहता था। उसका बेटा इसी बात से नाराज था, क्योंकि केसर नौकरी छोड़कर संतोष के साथ रहने लगा था। केसर स्वं इंस्पेक्टर सत्यपाल ¨सह का मुमेरा भाई भी था। इसी के चलते ललित अपने माता से बात करनी भी बंद कर दी। जब शनिवार को केसर का बेटा पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा तो पुलिस ने उससे जानकारी करने का प्रयास किया, तो उसने कहा कि वह मुझसे बात नहीं करत थे। जो भी बात करते थे वह मेरे चाचा से ही बात करते थे। अहम पहलू को भूल बैठी पुलिस

चन्दौसी: पुलिस भले ही हत्या का कारण संपत्ति विवाद मानते हुए अपनी जांच को आगे बढ़ा रही हो और तमाम पहलुओं को लेकर हवा में तीर चला रही हो, लेकिन पुलिस अहम पहलू को भूल बैठी है। पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो कमरे की अलमारी खुली पड़ी मिली। सामान बिखरा पड़ा था। इससे यह प्रतीत हो रहा था कि हत्या के बाद लूट की गई है, लेकिन लूट कितने की हुई है यह पता नहीं लग सका है। बताया जाता हैं कि कुछ दिनों पहले संतोष को मकान खाली करने के लिए कई लाख रुपये मिले थे। वह रुपये कहा गए इस तरह पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया है। पुलिस शनिवार को संतोष का बैंक एकाउंट चेक करके यह पता लगा सकती थी कि वह पैसे उसने बैंक में जमा कर दिए या फिर घर में ही रखे थे। अब रविवार का अवकाश होने के चलते पुलिस संतोष का एकाउंट चेक नहीं करा पाएगी।


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