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नारद मोह का मंचन देख ग्रामीण हुए भाव विभोर

गांव बनियाखेड़ा गांव में मंगलवार को रामलीला का शुभारंभ किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 01:40 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 01:40 AM (IST)
नारद मोह का मंचन देख ग्रामीण हुए भाव विभोर
नारद मोह का मंचन देख ग्रामीण हुए भाव विभोर

जागरण संवाददाता, चन्दौसी: गांव बनियाखेड़ा गांव में मंगलवार को रामलीला का शुभारंभ किया गया। पहले दिन नारद मोह का मंचन देखकर सभी भाव विभोर हो उठे। रामलीला का शुभारंभ कुंवर अनिरुद्ध सिंह ने किया, इसके बाद विधिवत पूजा अर्चना के बाद नारद मोह का मंचन किया गया। नारद जी तपस्या करने पर्वत पर चले तो उन्होंने तपस्या से भगवान ब्रह्मा को प्रसन्न किया। इससे नारदजी अपने घमंड में चूर शंकर भगवान के पास पहुंचे और अपने घमंड का बखान करने लगे शिवजी ने कहा मुझसे कहा तो कहा, लेकिन विष्णु भगवान से जाकर मत कहना। नारद जी अपने घमंड में चूर होकर हरि विष्णु के पास पहुंचे और बोले मुझे हरि का रूप दे दीजिए। इस पर विष्णु ने सोचा कि नारद जी को घमंड हो गया है उन्होंने हरि का रूप दे दिया। हरि के दो रूप होते हैं एक बंदर दूसरा हरि भगवान विष्णु का। उनके लिए बंदर का रूप दे दिया। इसके बाद वह विश्व मोहिनी के स्वयंवर में पहुंचते है। सभी देवता वहां पर मौजूद थे विश्व मोहिनी भगवान विष्णु के गले में माला डाल देती हैं। क्रोधित नारद जी विष्णु से कहते हैं कि तुमने मेरे साथ छल किया है मैंने तुमसे हरि का रूप मांगा था तुमने मुझे बंदर रूप दे दिया। नारद जी भगवान विष्णु को श्राप देते हैं कि जिस तरह से मैं नारी वियोग में भटक रहा हूं उसी तरह से तुम एक दिन एक नारी के पीछे बन बन भटकोगे और नारद ही वहां से चले जाते हैं। इस दौरान पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह एडवोकेट, कमल सिंह प्रजापति, उमेश प्रजापति, महेश चंद्र मौर्य, मूलचंद सिंह कश्यप, लोकेश कुमार प्रजापति आदि ने सहयोग किया।

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