मां बाप ने संजो रखे थे शादी के सपने, रह गए अधूरे
सिपाही अंकित यादव की गोली लगने से मौत गई जिसमें हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
जागरण संवाददाता, चन्दौसी: सिपाही अंकित यादव की गोली लगने से मौत गई, जिसमें हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया है। वह इस दुनिया से चला गया, लेकिन बहुत से सवाल अपने पीछे छोड़ गया है। साथ ही छोड़ गया अधूरे सपने जो उसके मां बाप ने संजो रखे थे। मां बाप ने बेटे की शादी का सपना संजोए रखा था जो कि अब वह अधूरा रह गया है।
मंगलवार को सिपाही अंकित यादव की गोली लगने से मौत हो गई। इससे उसके परिवार में हाहाकार मचा हुआ है। 24 वर्षीय अंकित ने वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही बना तो सभी बहुत खुश हुए। अंकित की दो बड़ी बहने थी उनकी शादी हो चुकी है। मां बाप ने बेटियों की शादी के बाद तथा अंकित की नौकरी लगने के बाद से उसकी शादी के सपने संजोने शुरु कर दिए। जब भी अंकित अवकाश लेकर घर जाता था तो मां उससे शादी करने की बात कहती, लेकिन वह टाल देता था। हालांकि इस दौरान गांव में मां बाप के पास शादी के लिए रिश्ते आने लगे थे, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। इसीलिए वह लगातार शादी के लिए टालता आ रहा था। मां बाप भी यह सोचकर चुप हो जाते थे कि अभी उम्र ही क्या है। जब बेटे की इच्छा होगी तो शादी कर ली जाएगी, लेकिन उन्हें यह मालूम नहीं था कि वह बेटे के सिर पर सेहरा सजा नहीं देख पाएंगे। बहने भी अपने भाई की शादी को लेकर बहुत उत्सुक थी। परिवार में अकेला बेटा होने के कारण अंकित सभी का लाड़ला था। बहनें उसे बेहद प्यार करती थी। वह जब भी बहनों से मिलता था तो वह भी अंकित से शादी करने पर जोर देती थी, तब अंकित हंसकर टाल देता था। हालांकि मां बाप ने बेटे की तथा बहनों ने भाई की तैयारी शुरु कर दी थी। परिजनों को यह अहसास था कि कभी शादी हो सकती है, लेकिन उनके यह सारे सपने व अरमान धूल में मिल गए। आज मां बाप की सूनी आंखे अंकित के सिर पर सेहरे की जगह उसके शव को निहारती रही। उन्हें व बहनों को यह नहीं मालूम था कि अंकित इस तरह सब को छोड़कर असमय छोड़कर चला जाएगा और अपने पीछे छोड़ जाएगा कुछ सवाल व मां बाप के अधूरे सपने। मां बाप के अलावा ग्रामवासी भी अंकित की मौत से सदमे में है। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। क्योंकि मृदुभाषी अंकित जब भी घर जाता था तो गांव में सभी से मिलता था। चाहे फिर वह दोस्त हो अथवा पिता के समकक्ष लोग, घर की महिलाएं सभी उससे शादी के लिए कहती थी। वह सभी खुश होकर बातें करता था। यहीं कारण है कि आज गांव में उसकी मौत पर मातम छाया हुआ है।