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ट्रकों की हड़ताल से एक दिन में 400 करोड़ का नुकसान

सम्भल : डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर कीमतें कम करने, एमवी एक्ट में संशोधन को वापस ि

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 01:17 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 01:17 AM (IST)
ट्रकों की हड़ताल से एक दिन में 400 करोड़ का नुकसान
ट्रकों की हड़ताल से एक दिन में 400 करोड़ का नुकसान

सम्भल : डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर कीमतें कम करने, एमवी एक्ट में संशोधन को वापस लिए जाने समेत विभिन्न मांगों लेकर ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर देश भर में हड़ताल के एलान का जिले में भी असर देखने को मिला। सुबह से ही ट्रकों के पहिए थम गए। प्रदेश के साथ ही देश भर में ट्रकों में भरकर जाने वाले माल को ले जाने से ट्रांसपोर्टरों ने इनकार कर दिया। ट्रांसपोर्टरों के मुताबिक एक दिन में करीब 400 करोड़ रुपये का नुकसान है।

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ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर देश भर में 20 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान किया गया था। शुक्रवार की सुबह से ही जिले में 10 हजार से अधिक ट्रकों के पहिए थम गए। शहर से रोजाना दिल्ली के लिए रोजाना हजारों ट्रक जाते हैं लेकिन हड़ताल होने की वजह से 20 प्रतिशत ट्रक ही जा सके। देश भर के लिए माल लेकर जाने वाले ट्रक भी खड़े नजर आए। हालांकि ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल को सिटी बस, टैक्सी, ऑटो और स्कूल बसों की यूनियनों का समर्थन नहीं मिल सका। हड़ताल पर जाने की वजह से व्यापारी वर्ग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा । ट्रांसपोर्टर जुहैब ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के कारण ट्रांसपोर्टरों को अपने वाहनों का संचालन करने में परेशानी उठानी पड़ रही है। ट्रांसपोर्टर मोहम्मद उमर का कहना है कि डीजल की कीमतें कम होनी चाहिए। ट्रांसपोर्टर शरीक खां ने बताया कि हड़ताल पर रहने की वजह से करीब 400 करोड़ रुपयों का कारोबार प्रभावित हुआ है। --------------------------

ये हैं ट्रांसपोर्टरों की प्रमुख मांगें---

एमवी एक्ट में संशोधन वापस लिया जाए,

डीजल की कीमतें कम हों, कीमतों में त्रैमासिक संशोधन हो, तृतीय पक्ष बीमा प्रीमियम में पारदर्शिता लाई जाए, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर टीडीएस समाप्त किया जाए,

बस और पर्यटक वाहनों के लिए नेशनल परमिट जारी हो, ओवरलो¨डग में चालक के खिलाफ केस दर्ज ना हो, प्रदेश में यात्री वाहनों का किराया बढ़ाया जाए, पर्वतीय क्षेत्र में चलने वालों के लिए ग्रीन कार्ड की बाध्यता समाप्त हो, फिटनेस की अवधि छह माह से बढ़ाकर एक साल की जाए,

पुराने वाहनों पर स्पीड गवर्नर लगाने की बाध्यता समाप्त हो, फिटनेस पर 50 रुपये प्रतिदिन की पेनाल्टी समाप्त की जाए। हड़ताल के चलते हाथ पर हाथ धरे बैठे ट्रांसपोर्टर जागरण संवाददाता, चन्दौसी : ट्रकों का संचालन ठप होने से ट्रांसपोर्टर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। हड़ताल के पहले दिन मिला जुला असर नजर आया। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि पहले दिन ही आधा काम रह गया। माल लो¨डग से लेकर उतरवाई तक शोषण हो रहा है। जिससे ट्रांसपोर्ट का व्यापार भी नुकसान में जाने लगा है। हालांकि अभी हड़ताल का पहला दिन है। जिससे माल व्यापारियों पर हड़ताल का अभी कोई असर नहीं है। यदि हड़ताल लंबी चली तो हाहाकार मचेगा।

काका ट्रांसपोर्ट के संचालक नीटू आहेरी ने बताया कि सरकार ने माल वाहन की क्षमता में बढ़ोत्तरी की है, जिससे असमंजस की स्थिति है, इसका विस्तृत सर्ककुलेशन जारी किया जाए। ट्रक मालिक राजपाल ¨सह ने बताया कि कानून सभी के साथ समान होना चाहिए, गाड़ी में वजन क्षमता के अनुसार होना चाहिए।

ट्रक चालक दिलशाद ने बताया कि हड़ताल के पहले दिन ही काम नहीं मिला, हड़ताल लंबी चली तो आर्थिक संकट से गुजरना होगा। ट्रक चालक छोटे ने बताया कि हड़ताल के पहले दिन ही खाली हो गए, सुबह से काम की तलाश में घूम रहे हैं, कहीं कोई माल नहीं मिला।


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