सजायाफ्ता शिक्षक कर रहा था नौकरी, बीएसए ने किया निलंबित
जेएनएन सम्भल पिछले चार वर्ष से एक सजायाफ्ता शिक्षक नौकरी करता रहा। इस दौरान कई बार शिकायत भी हुई लेकिन विभाग के अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया। अब इस मामले की शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी को मिली तो उन्होंने मामले की जांच कराई। जांच में मामला सही पाए जाने पर शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। अब उसे बर्खास्त करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।
जेएनएन, सम्भल: पिछले चार वर्ष से एक सजायाफ्ता शिक्षक नौकरी करता रहा। इस दौरान कई बार शिकायत भी हुई, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया। अब इस मामले की शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी को मिली तो उन्होंने मामले की जांच कराई। जांच में मामला सही पाए जाने पर शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। अब उसे बर्खास्त करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।
रजपुरा ब्लाक के गांव मढ़ावली स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात रामनिवास के खिलाफ वर्ष 2015 में मुकदमा दर्ज हुआ था। उसके बाद वह जेल भी गया था। इसके बाद वह जमानत पर आया तो विद्यालय में जाकर बच्चों को पढ़ाने लगा। वर्ष 2017 में अदालत में आजीवन कारावास की सजा सुनाई, लेकिन वह अपील पर जेल से बाहर आ गया और फिर से नौकरी करने लगा। तभी से वह नौकरी कर रहा था और वेतन ले रहा था। जबकि सजायाफ्ता सरकारी नौकरी नहीं कर सकता है। इस दौरान कुछ लोगों ने उसकी शिकायती भी की, लेकिन उसके बाद अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब एक बार फिर शिकायत हुई तो बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने शिक्षक को निलंबित कर दिया है। बीएसए ने बताया कि शिक्षक को बर्खास्त करने के लिए कार्रवाई की जा रही है। बीएसए ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका स्कृल के सभी स्टाफ का वेतन रोका
संवाद सहयोगी, बहजोई : बीएसए के निरीक्षण में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बंद मिलने के अलावा अनेक खामियां मिलीं। इस पर बीएसए ने वेतन पर रोक लगा दी है। साथ ही तीन दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने औचक सम्भल नगर क्षेत्र में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का सुबह नौ बजे निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में ताला लगा हुआ था। निरीक्षण के समय 100 के सापेक्ष मात्र 42 छात्राएं ही उपस्थित थीं। अध्ययनरत छात्राओं के लिए नाश्ते में मूंग की दाल बनायी गई थी, जो कि निर्धारित मेन्यू के अनुसार नहीं थी। विद्यालय के मल्टी परपज हाल को वार्डन द्वारा शयन कक्ष के रूप में प्रयोग किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि शौचालय में दरवाजा भी नहीं लगा मिला। विद्यालय के भूतल का फर्श टूटा हुआ था। निरीक्षण के दौरान जानकारी मिली कि चौकीदार चार दिन व वार्डन तीन दिन से अनुपस्थित थी। विद्यालय के कमरों की किसी भी खिड़की पर जाली नहीं लगी थी। इस पर बीएसए ने निरीक्षण के समय अनुपस्थित मिले स्टाफ के मानदेय आहरण पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी। साथ ही तीन दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा। इसके साथ ही बीएसए ने कई अन्य विद्यालयों का भी निरीक्षण किया।