ब्लाक स्तर तक विशेष टास्क फोर्स गठित
जिले में किसान पराली न जला पाए इसके लिए जिलाधिकारी के आदेश पर विशेष टास्क फोर्स का गठन ब्लाक से लेकर जिले स्तर तक कर दिया गया है। गठन टीमों ने गांवों में अपने सूत्र बनाए है। अगर कोई किसान खेत में पराली जलाता है तो तत्काल उसकी सूचना विशेष टास्क फोर्स टीम के सदस्य को मिल जाएगी। हालांकि अभी तक जिले से एक भी मामला पराली जलाने का सामने नहीं आया हैं, लेकिन जिलाधिकारी ने टीम को सतर्क कर रखा है। 2007 में ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पराली जलाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था,
चन्दौसी : जिले में किसान पराली न जला पाए इसके लिए जिलाधिकारी के आदेश पर विशेष टास्क फोर्स का गठन ब्लाक से लेकर जिले स्तर तक कर दिया गया है। गठन टीमों ने गांवों में अपने सूत्र बनाए है। अगर कोई किसान खेत में पराली जलाता है तो तत्काल उसकी सूचना विशेष टास्क फोर्स टीम के सदस्य को मिल जाएगी। हालांकि अभी तक जिले से एक भी मामला पराली जलाने का सामने नहीं आया हैं, लेकिन जिलाधिकारी ने टीम को सतर्क कर रखा है।
2007 में ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन इसका अभी भी अमल नहीं किया जा रहा। पराली जलाने से सबसे अधिक प्रदूषण बढ़ता है। प्रदूषण बढ़ने के बाद इसकी मार लोगों पर ही पड़ती है। क्योंकि हवा जहरीले हो जाने के कारण लोगों को घरों निकलना भी मुश्किल हो जाता हैं। प्रदूषित कण शरीर के अन्दर जाकर खांसी को बढ़ाते हैं। अस्थमा, डायबिटीज के मरीजों को सांस लेना दूभर हो जाता है। फेफड़ों में सूजन सहित टॉन्सिल्स, इन्फेक्शन, निमोनिया और हार्ट की बीमारियां जन्म लेने लगती हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी होती है। साथ ही किसानों के पराली जलाने से भूमि की ऊपजाऊ क्षमता लगातार घट रही है। इस कारण भूमि में नाइट्रोजन, सल्फर और पोषक तत्वों में कमी आई है। मित्र कीट नष्ट होने से शत्रु कीटों का प्रकोप बढ़ा है जिससे फसलों में तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं। मिट्टी की ऊपरी परत कड़ी होने से जलधारण क्षमता में कमी हो जाती है। इसी को देखते हुए इस बार कृषि विभाग पहले से ही सतर्क हो गया है। विभाग ने ब्लाक, तहसील और जिला स्तर पर विशेष टास्क फोर्स गठित कर दी गई है। ब्लाक स्तर टीम की एडीओ पंचायत, तहसील स्तर पर तहसीलदार और जिला स्तर कृष विभाग के अधिकारी निगरानी करने पर लगे हुए है। गांव में जाकर लोगों से पराली न जलाने का आह्वान भी किया जा रहा है। जिससे कोई किसान पराली न जलाए।
कोट-
काफी दिन पहले ही विशेष टास्क फोर्स गठित कर दी गई है जो निगरानी कर रही है। किसानों से मिलकर भी पराली न जलाने की बात कहीं गई है। हालांकि अभी तक पराली जलाने का एक भी मामला सामने नहीं आया है। अगर कोई पराली जलाता है तो कार्रवाई की जाएगी।
नरेंद्र ¨सह, जिला कृषि अधिकारी