सर्द हवाओं से ठिठुरे लोग, सूर्य देवता के भी नहीं हुए दर्शन
है। शुरू में मौसम का भी फसल को साथ मिला था, लेकिन अब बरसात होने से उत्पादन कम होगा। गेहूं के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हो सकती है। क्योंकि तापमान में गिरावट के साथ गेहूं के पौधों को बढ़वार भी मिलेगी। ---------- डीएम ने दिए आदेश, आज भी बन्द रहेंगे स्कूल सम्भल: जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण ¨सह ने जिले भर के स्कूलों को अवकाश के आदेश दिए है। बुधवार को भी कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूल बन्द रहेंगे। मौसम के मिजाज को देखते हुए डीएम ने स्कूलों को बन्द रखने के आदेश दिए है। जिससे स्कूली बच्चों को परेशानी का सामना न करना पड़े। हालांकि कई स्कूल संचालक आदेशों की अनदेखी कर स्कूलों को खोल लेते है। डीएम ने सख्त आदेश दिए है कि अगर कोई भी स्कूल खुलता हुआ पाया गया तो कठोर कार्यवाही की जाएगी।
सम्भल। जिले में बरसात के बाद ठंड ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को सुबह से ही आसमान में धुंध छाने के साथ पूरे दिन सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। सर्दी के इस मौसम में नमी और ठंडी हवाओं ने लोगों को बेजार कर दिया। जिसके चलते बाजारों में भी भीड़भाड़ कम ही रही। इतना ही नहीं अधिकांश दुकान जहां सुबह को देरी से खुली, वहीं शाम को समय से पहले बंद भी हो गई। वहीं स्कूली बच्चों की परेशानी को देखते हुए डीएम ने बुधवार को भी स्कूलों के बन्द रहने के आदेश दिए है।
मौसम ने मिजाज बदलना शुरू कर दिया है। सोमवार को दोपहर व रात में हुई बरसात से ठंड बढ़ गई है। जिसका असर मंगलवार को भी देखने को मिला। सुबह से लेकर शाम तक आसमान में धुंध छायी रही। जिसके चलते पूरे दिन सूर्यदेव के दिन भर में ठीक प्रकार से एक बार भी दर्शन नहीं हुए। जिसके चलते ठंड काफी बढ़ गई और दिन में भी अंधेरा सा छाया रहा। जिसके चलते शाम के समय रोजाना के मुकाबले अंधेरा जल्दी छा गया और रात भी रोजाना के मुकाबले जल्दी हो गई। जिसके चलते लोगों ने रोजाना के मुकाबले ने ठंड का अधिक एहसास किया। हालांकि स्कूलों में अवकाश रहने की वजह से बच्चों को राहत मिली। सुबह से ही लोग अलाव के सहारे ठंड से राहत पाते नजर आए। ठंड के बढ़ने से जनजीवन भी प्रभावित हुआ और बाजारों में चहल पहल कम देखी गई। बाजार में दुकानदार ठंड से बचने के लिए अलाव पर तापते हुए नजर आए। इसके अलावा नगर में कई अन्य स्थानों पर भी लोगों ने ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लिया। नगर पालिका ने अभी भी अलाव के खुद इंतेजाम नहीं किए है। शाम के समय ठंड और अधिक बढ़ गई। ऐसा होने से शाम के समय बाजारों में चहल-पहल देखने को नहीं मिली। जिसको देखते हुए दुकानदारों ने अपनी दुकाने जल्दी बंद कर दी। शाम के समय अपने किसी कार्य से घर से बाहर निकले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ज्यादातर लोगों ने ठंड से बचने के लिए अपने आपको घर में कैद रखना ज्यादा उचित समझा। बाजारों में निकलने वाले लोग गर्म कपड़े व मफलर पहनकर निकले। वहीं बाइक सवार लोगों को भी मुसीबतों से जूझना पड़ा।
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बरसात से सरसों की फसल को भी नुकसान, किसान परेशान
सम्भल: जिले में सोमवार की दोपहर व रात में तेज हवाओं के साथ हुई बरसात ने किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें खींच दी है। सर्द मौसम में सरसों उत्पादकों को निराशा हाथ लगी है। सरसों की फसल पकने को तैयार हुई तो बूंदाबांदी व सर्दीली हवाओं के चलने से खेतों में खड़ी सरसों की फसल को 20 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है। शुरू में मौसम का भी फसल को साथ मिला था, लेकिन अब बरसात होने से उत्पादन कम होगा। गेहूं के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हो सकती है। क्योंकि तापमान में गिरावट के साथ गेहूं के पौधों को बढ़वार भी मिलेगी।
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डीएम ने दिए आदेश, आज भी बन्द रहेंगे स्कूल
सम्भल: जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण ¨सह ने जिले भर के स्कूलों को अवकाश के आदेश दिए है। बुधवार को भी कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूल बन्द रहेंगे। मौसम के मिजाज को देखते हुए डीएम ने स्कूलों को बन्द रखने के आदेश दिए है। जिससे स्कूली बच्चों को परेशानी का सामना न करना पड़े। हालांकि कई स्कूल संचालक आदेशों की अनदेखी कर स्कूलों को खोल लेते है। डीएम ने सख्त आदेश दिए है कि अगर कोई भी स्कूल खुलता हुआ पाया गया तो कठोर कार्यवाही की जाएगी।
आसमान में बादल छा जाने से किसानों के चेहरे खिले
गुन्नौर: मंगलवार को दूसरे दिन भी आसमान पर बादल छा जाने व हल्की बूंदा बांदी से एक बार फिर मौसम ने करवट बदली है। बूंदा बांदी के साथ चली तेज हवाओं ने लोगों को अपने घरों में बंद रहने को मजबूर कर दिया। इधर किसान बादल व हल्की बूंदा बांदी देख कर खुश नजर आने लगे कि यदि हल्की वर्षा होगी तो किसानाों का डीजल बच जायेगा और गेहूं की फसल भी अच्छी हो जायेगी। क्योंकि इस वर्ष एक दिन के अलावा कोहरा भी ऐसा नहीं पड़ा। जिससे गेंहूं की फसल को कोई लाभ पहुंचता। ऊपर से 18 व 19 जनवरी को मौसम में गर्मी हो जाने से किसानें के चेहरों की हवाईयां उड़ गई थी कि उसकी गेंहू कीफसल का क्या होगा, परन्तु हल्की बूंदा बांदी ने किसान को हल्की सी राहत तो मिली है और उसकी आस बंधी है कि अभी आसमान पर बादल छाये हुए हैं। जिससे वर्षा होने की उम्मीद की जा रही है। किसान आस लगाये हुए है कि ऊपर वाला हल्की वर्षा कर दे और किसानों का कल्याण हो जाये।