शीतलहर से कंपकपाए नागरिक, हवा से ठिठुरन बढ़ी
ण क्षेत्रों में शीतकालीन मौसम के चलते पहली बार आसमान में धुंध छायी रही। जिसके चलते पारा नीचे लुढकने से ठिठुरन बढ़ गई। लोग अलाव का सहारा लेते नजर आये। रविवार को नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में तड़के से ही आसमान में धुंध छायी रही। सफेदी ही सफेदी दिखाई दे रही थी। जिससे सूर्य देव के दर्शन दोपहर ग्यारह बजे के लगभग देखने को मिले। बाबजूद इसके शीतलहर हवायें चलने से बड़े क्या बच्चे भी घरों के भीतर दुबकने को मजबूर बने हुए थे। बसों और रेल यातायात प्रभावित रहा। शाम ढलते ही शुरू हुए कोहरे ने शायं सात बजे से ही नगर तथा आसपास के इलाकों को पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया।
बहजोई: नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शीतकालीन मौसम के चलते पहली बार आसमान में धुंध छायी रही। जिसके चलते पारा नीचे लुढकने से ठिठुरन बढ़ गई। लोग अलाव का सहारा लेते नजर आये।
रविवार को नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में तड़के से ही आसमान में धुंध छायी रही। सफेदी ही सफेदी दिखाई दे रही थी। जिससे सूर्य देव के दर्शन दोपहर ग्यारह बजे के लगभग देखने को मिले। बाबजूद इसके शीतलहर हवायें चलने से बड़े क्या बच्चे भी घरों के भीतर दुबकने को मजबूर बने हुए थे। बसों और रेल यातायात प्रभावित रहा। शाम ढलते ही शुरू हुए कोहरे ने शायं सात बजे से ही नगर तथा आसपास के इलाकों को पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया। रेनबसेरा न बनाए जाने पर रोष
प्रशासन एवं नगरपालिका परिषद द्वारा रैनबसेरा न बनाये जाने पर लोगों में रोष व्याप्त है। तहसील प्रशासन द्वारा नगरपालिका परिषद के सहयोग से रेनबसेरा बनाये गये थे, लेकिन इस बार अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की है।