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चुनाव में भाग्य विधाता बनेंगे 4.72 लाख युवा

स की तस बन जाती है। रोजगार के लिए दिल्ली मुंबई की दौड़ पढ़ने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आगरा यूनिवर्सिटी और आगरा विश्वविद्यालय खेलने के लिए सोनकपुर स्टेडियम मुरादाबाद और इंटर तक की पढ़ाई के लिए कस्बों में खुले विषय विशेषज्ञ विहीन सरकारी या एडेड स्कूल। कुल मिलाकर इन्हें मिलता कुछ नहीं। यह चुनाव कुछ अलग होगा। युवा बदल चुका है और खुद के लिए करना चाहता है। खुद के लिए स्टेडियम विवि रोजगार यानी सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक रूप से पूरी स्वतंत्रता और हर संसाधन पर अपना बराबर का अधिकार। इस बार के चुनाव में जिले में 1

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 11:40 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 11:40 PM (IST)
चुनाव में भाग्य विधाता बनेंगे 4.72 लाख युवा
चुनाव में भाग्य विधाता बनेंगे 4.72 लाख युवा

सम्भल(राघवेंद्र शुक्ल): युवाओं का इस्तेमाल महज वोट बैंक के लिए करने के लिए कहानी नई नहीं है। आजादी के बाद से ही ऐसा चल रहा है। युवाओं से नेता प्रचार कराते हैं, गाड़ी चलवाते हैं, पंपलेट बंटवाते हैं, जब नेता जी जीत जाते हैं तो युवाओं की जिदगी फिर जस की तस बन जाती है। रोजगार के लिए दिल्ली मुंबई की दौड़, पढ़ने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, आगरा यूनिवर्सिटी और आगरा विश्वविद्यालय, खेलने के लिए सोनकपुर स्टेडियम मुरादाबाद और इंटर तक की पढ़ाई के लिए कस्बों में खुले विषय विशेषज्ञ विहीन सरकारी या एडेड स्कूल। इन्हें मिलता कुछ नहीं। यह चुनाव कुछ अलग होगा। युवा बदल चुका है और खुद के लिए वोट करना चाहता है। खुद के लिए स्टेडियम, विवि, रोजगार यानी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से पूरी स्वतंत्रता और हर संसाधन पर अपना बराबर का अधिकार बताता है। इस बार के चुनाव में जिले में 18 से लेकर 30 वर्ष के युवा मतदाता की संख्या 4 लाख 72 हजार से भी ज्यादा हैं। यानी 100 फीसद मतदान के बाद यह किसी भी नेता की गुणा गणित को बिगाड़ सकते हैं। फिलहाल युवा एकजुट है और नेताओं से जवाब मांग रहा है सम्भल: इस बार का चुनाव रोचक होगा। जिस प्रकार नेता अपने साथ वायदों का पिटारा लेकर आएंगे। उसी प्रकार युवा भी अपनी पोटली को खोलेंगे। नेताओं की गठरी में देने वाली चीजें होती है जो देंगे भी या नहीं। इसकी संभावना कम होती है। वहीं युवाओं की पोटली में जो चाहिए वह होता है। इस बार का युवा न खुद को छले जाने का मौका देना चाहता है और न ही कोई वायदा चाहता है। रिजल्ट चाहता और वह भी ठोस। ऐसे में सम्भल लोकसभा क्षेत्र की सीट के तकरीबन पौने पांच लाख मतदाता नई तस्वीर लिखने को बेताब हैं। अब देखना यह है कि उनकी बातों को सुना जाता है या एक बार फिर उसे दरकिनार कर दिया जाता है। इस बार पहली बार वोट डालेंगे 22670 मतदाता

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सम्भल : 18 से 19 वर्ष की उम्र वाले मतदाताओं की संख्या जिले में 22670 है। यानी ये वह मतदाता हैं जो पहली बार वोट डालेंगे। इन मतदाताओं के सामने पहली बार मतदान डालने का उत्साह भी दिखेगा और अपनी बात रखने का दम भी। पिछले चुनाव का हिसाब मांगेंगे 4.50 लाख मतदाता

सम्भल : 20 से 29 वर्ष की उम्र के 4,50,506 मतदाता हैं। ये वह हैं जो एक बार या दो बार वोट डाल चुके हैं। यह इस बात को आसानी के साथ समझ सकते हैं कि पहले के वायदों का क्या हुआ और अब नए कौन से नेता करने वाले हैं। ये मतदाता तो सीधे तौर पर नेताओं से जवाब चाहते हैं। स्टेडियम नहीं फिर भी चमका मोहसिन का सितारा

सम्भल : सम्भल शहर में न स्टेडियम है और न ही खेल के कोच। ऐसे में यहां की प्रतिभा यहीं दबकर रह जाती है जो हिम्मत कर लेते हैं वह मुकाम भी पा लेते हैं। शहर का सितारा मोहसिन इसी कड़ी में शामिल हैं जिन्होंने सम्भल जैसे पिछड़े क्षेत्र से निकलकर मुरादाबाद तक की दौड़ लगाई और क्रिकेट के खेल में खुद को साबित किया। आइपीएल भी खेला और अब सोमवार को वह राजस्थान राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए जाने वाले हैं। क्रिकेट कोच बदरूद्दीन कहते हैं कि यदि सम्भल में सुविधा होती तो यहां से और भी सितारे निकलते। आठ फरवरी को सड़क पर गूंजा था विश्वविद्यालय का मुद्दा

सम्भल : आठ फरवरी को जब स्टूडेंट इस्लामिक आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया ने सम्भल शहर के एक अनछुए मुद्दे विश्व विद्यालय की मांग को लेकर रैली निकाली तो इसमें युवा उमड़ पड़े। अधिकांश युवाओं के चेहरे पर अपने भविष्य की चिता भी दिखी थी। प्रदर्शन करते हुए यह एसडीएम कार्यालय तक पहुंचे थे और अपनी बात रखी थी। इन छात्रों ने शहर के एमजीएम महाविद्यालय से पैदल रैली भी निकाली। शंकर कालेज चौराहा, अस्पताल चौराहा, यशोदा चौराहा होते हुए उपजिलाधिकारी कार्यालय तक पूरे रास्ते अपनी बात सबको बताई। यह भी बताया कि गरीब के बच्चे कैसे पढ़ेंगे। इंटर के बाद कहां जाए। प्राइवेट की फीस देने के पैसे नहीं हैं। जावेद, अनस नदवी, फरहान, मोहतसिम, फैजान आलम, फुरकान साहिल, परवेज मन्सूरी, शाहबेज, अकील ने सभी नेताओं को संदेश पहुंचाया कि अभी नहीं तो कभी नहीं। यानी विश्व विद्यालय से कम कुछ भी नहीं।

युवाओं की तरह सोचने वाले जनप्रतिनिधि ही पसंद

सम्भल: लोकसभा चुनाव में मतदान करने के लिए युवाओं ने उत्साह है। युवा इस बार बढ़ चढ़कर मतदान करेंगे। वह ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनना चाह रहे हैं जो युवाओं की तरह सोच रखता हो और शहर में विकास कार्य करा सके। विकास के मुद्दे पर युवा इस बार मतदान करेंगे। युवाओं का कहना है कि वह इस बार ऐसी सरकार को चुनेंगे जो बेरोजगारी की समस्या को दूर करे सके और आंतकवाद का भी खात्मा कर सके।

दैनिक जागरण ने अभियान के तहत मुरादाबाद रोड पर चौपाल का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। चौपाल में युवाओं ने कहा कि वह नई सरकार को चुनने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह लोकसभा चुनाव में विकास के मुद्दे पर वोट करेंगे। युवाओं ने कहा कि वह ऐसी सरकार को चुनना चाहते हैं जो भ्रष्टाचार का खात्मा कर सके। बेरोजगारों को रोजगार के साधन उपलब्ध करा सके। युवाओं ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधि चुनाव के समय युवाओं से तरह तरह के वादे करते हैं, लेकिन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाते। उन्होंने कहा कि वह इस बार ऐसे जनप्रतिनिधि को मतदान करेंगे जो युवाओं कर तरह सोच रखता हो। वहीं युवाओं ने रोडवेज डिपो के निर्माण के मुद्दों को भी उठाया। साथ ही संकल्प लिया कि वह सबसे पहले मतदान करेंगे और बाद में घर के काम करेंगे।

हम ऐसी सरकार को चुनेंगे जो बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराए। गरीबी को दूर कर सके। आंतकवाद के खिलाफ मुंहतोड़ जबाव दे। देश का विकास कराए और महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करे। युवाओं की सोच से ही देश का विकास सम्भव होगा।

रोहित कुमार हमें चुनाव में ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनना चाहिए, जिसकी सोच भी युवाओं की तरह हो और वह क्षेत्र का विकास करा सके। अपनी जरूरतों को युवाओं को चुनाव में मुद्दा बनाना चाहिए, जिससे शहर में विकास हो सके।

वैभव गुप्ता लोकतंत्र के पर्व मतदान में युवाओं की अहम भागीदारी रहती है। हर युवा अपने मत का प्रयोग करने के लिए सुबह से ही मतदान स्थलों पर पहुंचता है। नई सरकार चुनने के लिए वह मतदान करता है। युवाओं को उम्मीद रहती है कि जनप्रतिनिधि भी इनकी उम्मीदों पर खरा उतरे और विकास कार्य कराए।

सिद्धार्थ आर्य मैं ऐसे जनप्रतिनिधि को वोट करूंगी जो शहर में रोडवेज डिपो का निर्माण करा सके। रोडवेज डिपो का निर्माण न होने से दूसरे जनपद को जाने वाले लोगों को दिक्कत उठानी पड़ती है। सम्भल रोडवेज से दिल्ली, आगरा, मथुरा के लिए भी बसें नहीं मिलती। इस समस्या को नेताओं को दूर करना चाहिए।

रोशनी सागर


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