लोक कल्याण के लिए किया गया यज्ञ ही सफल : केशव देव
असमोली के एचोड़ा कम्बोह में आयोजित श्री कल्कि महोत्सव में चौथे दिन सुबह में सर्वार्थ सिद्वि महायज्ञ का आयोजन हुआ। जिसमें विभिन्न स्थानों से आए कल्कि भक्तों ने हिस्सा लिया। मुख्य यजमान अनिल कुमार अग्रवाल, कल्पना त्यागी, पुनीत गुप्ता, रोहताशवती देवी, संजीव त्यागी रहे। श्री कल्कि मंदिर बनाने का संकल्प लिया गया। हवन कुंड में डाली गई घी, जौ, तिल, धूप, गुड़ आदि की आहुतियों के सुगंध से वातावरण महक उठा। तत्पश्चात बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद संत सभा हुई। संत सभा में आचार्य केशव देव ने प्रवचन सुनाते हुए कहा कि कहा कि रामचरित मानस में सात यज्ञों का वर्णन किया गया है। एक यज्ञ रावण ने किया, लेकिन सफल नहीं हुआ और वह स्वयं ही समाप्त हो गया। दूसरा यज्ञ रावण के पुत्र मे
सम्भल: असमोली के एचोड़ा कम्बोह में आयोजित श्री कल्कि महोत्सव में चौथे दिन संत समागम में आचार्य केशव देव ने कहा कि लोक कल्याण के लिए किया गया यज्ञ ही सफल होता है। इससे पूर्व सुबह सर्वार्थ सिद्वि महायज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न स्थानों से आए कल्कि भक्तों ने हिस्सा लिया।
संत समागम में आचार्य केशव देव ने कहा कि रामचरित मानस में सात यज्ञों का वर्णन किया गया है। एक यज्ञ रावण ने किया, लेकिन सफल नहीं हुआ और वह स्वयं ही समाप्त हो गया। दूसरा यज्ञ रावण के पुत्र मेघनाथ ने किया। उसका भी परिणाम वही हुआ और वह भी मृत्यु को प्राप्त हुआ। तीसरा प्रतिशोधात्मक यज्ञ राजा दक्ष ने किया। इसका परिणाम यह हुआ कि पुत्री सती का अग्निदाह हुआ और दक्ष का सर कट गया। पुन: जब शिव के शरण में गए तो उनका कल्याण हुआ। चौथा यज्ञ राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए किया तो उन्हें पुत्र प्राप्त हुआ। इस प्रकार सभी यज्ञों की चर्चा करते हुए कहा कि लोक कल्याण के लिए किया गया यज्ञ ही सफल होता है। उन्होंने कहा कि धर्म का आधार आडंबर नहीं, व्यवहार है। नाम-जप, अभ्यास नहीं प्रत्युत पुकार है। अभ्यास में इंद्रिय और मन की प्रधानता है और पुकार में स्वयं की प्रधानता है। नाम की तरफ वृत्ति हो तो सप्राण जप होता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य खुद ही धर्म का गुलाम बन कर अपना पतन कर लेता है। धन का उपयोग बुरा नहीं है, पर आसक्ति बुरी है। यदि आप चाहते हैं कि कोई भी आप को बुरा न समझे तो दूसरों को बुरा समझने का आपको कोई अधिकार नहीं है।
सुबह आयोजित महायज्ञ में मुख्य यजमान अनिल कुमार अग्रवाल, कल्पना त्यागी, पुनीत गुप्ता, रोहताशवती देवी, संजीव त्यागी रहे। श्री कल्कि मंदिर बनाने का संकल्प लिया गया। तत्पश्चात श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।