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निरीक्षण में स्कूल मिला बंद, छात्रावास में भी मिली कमियां

उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने सोमवार को ¨सहावली स्थित राजकीय आश्रम पद्धति स्कूल का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 02:40 AM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 02:40 AM (IST)
निरीक्षण में स्कूल मिला बंद, छात्रावास में भी मिली कमियां
निरीक्षण में स्कूल मिला बंद, छात्रावास में भी मिली कमियां

सम्भल: उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने सोमवार को ¨सहावली स्थित राजकीय आश्रम पद्धति स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल में अनियमितता मिली। बीते दिनों राज्यमंत्री गुलाब देवी के निरीक्षण के दौरान भी खामियां मिली थी, लेकिन स्कूल प्रशासन की लापरवाही कायम रही। सोमवार को जब यह नजारा आयोग के अध्यक्ष के सामने आया तो वह भी आवाक रह गए। बोले मुझे यह प्रदेश का पहला स्कूल मिला जो बंद था। शौचालय जर्जर थे। छात्रावास में छात्र नहीं थे। प्राचार्य समेत सभी शिक्षक गायब थे। आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी को एक माह का अल्टीमेटम दिया है।

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पवांसा ब्लॉक क्षेत्र के सिहावली स्थित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में लखनऊ से आए उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता ने सोमवार को निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय बंद था न ही शिक्षक मौजूद थे न ही छात्र विद्यालय में मिले। अध्यक्ष ने कड़ी नाराजगी जताई तथा प्रधानाचार्य व समस्त अध्यापकों के निलंबन के लिए कहा। उन्होंने जब प्रधानाचार्य कक्ष का निरीक्षण किया तो उसका ताला लगा हुआ था, तथा छात्रावास में जाने पर छात्रावास का भी ताला लगा हुआ था। मौके पर कोई भी विद्यालय का कर्मचारी नहीं मिला केवल सुरक्षा गार्ड मौजूद था। जिससे जानकारी करने पर उन्होंने बताया कि विद्यालय खुला हुआ है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर विशेष गुप्ता ने कहा यदि विद्यालय खुल रहा है तो प्रधानाचार्य अध्यापक और छात्र कहां है। प्रधानाचार्य ने किस लिए सोमवार को अवकाश घोषित किया है। उन्होंने बताया कि यह विद्यालय गरीब तथा निर्धन लोगों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए खोले गए हैं। जिससे कि वह खाने से लेकर कपड़े तथा शिक्षा भी मुफ्त प्राप्त कर सकें। सरकार धन खर्च कर रही है जिससे की आम जनता के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकें, लेकिन लोग सरकार को दोष देते हैं। जबकि दोष विद्यालय के प्रधानाचार्य का है। यहां तक की पानी की व्यवस्था भी पूरी तरह से सही नहीं थी। जिसे देख आयोग के अध्यक्ष भड़क गए, और उन्होंने समाज कल्याण अधिकारी तथा डीएम से बात की और उन्हें अवगत कराया तथा कार्रवाई के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अवश्य ही प्रधानाचार्य तथा समस्त विद्यालय अध्यापकों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके लिए महिला कल्याण बाल विकास मंत्री को समस्त सूचनाएं दी जाएंगी तथा मुख्य सचिव को इस विद्यालय के बंद होने की लिखित सूचना दी जाएगी।


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