बुकनाला सादात में तेंदुए को देख खेतों से भागे किसान
जंगल में न जाने की आह्वान किया गया। तेंदुए की बात ग्रामीणों को पता चला तो वह सहम गए। तेंदुए के भय से बुजुर्गो व महिलाओं ने खेतों पर जाना छोड़ दिया। हालांकि कुछ ग्रामीणों ने हाथों में लाठी डंडे लेकर घंटे भर तक तेंदुए को तलाश किया। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को फोन पर सूचना दी। ग्रामीणों ने मांग कि ¨पजड़े के स्थान को बदलवाया जाए। उसके पंजों के निशान भी देखे गए। तेंदुए अभी जंगल में छिपा है। क्षेत्रीय वन अधिकारी अमरकांत ¨सह का कहना है कि गांव में ¨पजड़ा लगा हुआ है। ग्रामीणों ने जिस स्थान पर तेंदुए को देखा है उस स्थान पर अब ¨पजड़ा लगवाया जाएगा। टीम को भेजा जाएगा।
असमोली : तहसील क्षेत्र के गांव बुकनाला सादात में एक बार फिर तेंदुए को देखा गया है। खेतों पर सिंचाई कर रहे किसानों ने तेंदुए को देखा तो वह सहम गए। तेंदुए के जंगल में छिपने के बाद दोनों किसान गांव पहुंचे और ग्रामीणों को जानकारी दी। इसके बाद मस्जिद से एलान कराकर लोगों से जंगल की तरफ न जाने की अपील की। ग्रामीणों ने भी लाठी डंडे लेकर काफी देर तेंदुए को तलाश किया लेकिन वह दिखाई नहीं दिया। वन विभाग के अफसरों को मामले से अवगत कराया गया है।
क्षेत्र के गांव बुकनाला सादात निवासी साबिर हुसैन व सबावुल हसन शनिवार की सुबह अपने खेत पर सिंचाई कर रहे थे। इस बीच उन्होंने ईख के खेत से निकलकर भाग रहे तेंदुए को देखा। इसके बाद दोनों किसान डर की वजह से वहीं छिप गए। कुछ देर बाद तेंदुए भी जंगल में छिप गया। इसके बाद दोनों किसान गांव में पहुंचे। मस्जिद से तेंदुए को देखने का एलान कराते हुए लोगों ने जंगल में न जाने को कहा गया। तेंदुए के भय से बुजुर्गो व महिलाओं ने खेतों पर जाना छोड़ दिया। हालांकि कुछ ग्रामीणों ने हाथों में लाठी डंडे लेकर घंटे भर तक तेंदुए को तलाश किया। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को फोन पर सूचना दी। ग्रामीणों ने मांग कि ¨पजरे के स्थान को बदलवाया जाए। उसके पंजों के निशान भी देखे गए। तेंदुआ अभी जंगल में छिपा है। क्षेत्रीय वन अधिकारी अमरकांत ¨सह का कहना है कि गांव में ¨पजरा लगा हुआ है। ग्रामीणों ने जिस स्थान पर तेंदुए को देखा है उस स्थान पर अब ¨पजरा लगवाया जाएगा। टीम को भेजा जाएगा।