Sanskarshala 2022 : इंटरनेट मीडिया के दुरुपयोग को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण, दुष्प्रभावों को समझने की जरूरत
Sambhal Sanskarshala 2022 संभल के बाल विद्या मंदिर के सामाजिक विज्ञान विभाग की शिक्षक नेहा मलय ने बताया कि इंटरनेट मीडिया दो धारी तलवार की तरह है। एक तरफ जहां यह अपनों से जुड़े रहने का मौका देकर अकेलेपन और बेचैनी का एहसास दूर रखता है।
Sambhal Sanskarshala 2022 : संभल के बाल विद्या मंदिर के सामाजिक विज्ञान विभाग की शिक्षक नेहा मलय ने बताया कि इंटरनेट मीडिया दो धारी तलवार की तरह है। एक तरफ जहां यह अपनों से जुड़े रहने का मौका देकर अकेलेपन और बेचैनी का एहसास दूर रखता है।
वहीं, दूसरी ओर साइबर बुलिंग और दूसरों के जीवन से तुलना की प्रवृत्ति के चलते इसका इस्तेमाल डिप्रेशन का सबब बन सकता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने इसी के मद्देनजर कुछ ऐसे उपाय सुझाए हैं, जो मानसिक सेहत पर इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल का सिर्फ सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित करने में कारगर साबित होंगे।
इनमें फेसबुक, व्हाट्सएप से कुछ दूरी बनाना और दिमाग को कुछ देर के लिए आराम देना। हम में से ज्यादातर लोगों को इस बात का अनुमान भी नहीं होता है कि हम इंटरनेट मीडिया पर कितना समय खराब करते हैं। ऐसा नहीं है कि इंटरनेट मीडिया पर आपको कोई बड़ी महत्वपूर्ण जानकारी मिल ही जाए।
कई लोगों को इसके बारे में जानकारी भी है, पर वे इंटरनेट मीडिया से अलग नहीं हो पाते हैं, इससे उनके मन-मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अगर आप अपने जीवन में शांति चाहते हैं तो आपको इंटरनेट मीडिया से छुटकारा पाना चाहिए। नियम बनाएं जब आप इंटरनेट मीडिया छोड़ने के बजाय अपनी समय सीमा तय कर लेते हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप खुद के द्वारा तय किए गए नियमों को नहीं तोड़ेंगे।
आप इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल रोज कुछ समय के लिए तय कर सकते हैं। आप हर सप्ताह एक निश्चित अवधि के लिए भी इससे दूर जा सकते हैं। सप्ताह के अंत में इंटरनेट मीडिया या इंटरनेट यूजेज को हटाकर स्वजन के साथ समय बिता सकते हैं। इंटरनेट मीडिया पर की गयी कई रिसर्च बताती हैं कि दुनिया में लगभग 3.1 अरब लोग इंटरनेट मीडिया का उपयोग करते हैं, जिनमें से लगभग 210 मिलियन लोगों को इंटरनेट और इंटरनेट मीडिया की लत पड़ जाती है।
स्टडीज बताती हैं कि आम आदमी दो से चार घंटे इंटरनेट मीडिया का यूज करता है वहीं एक बच्चा लगभग नौ घंटे इंटरनेट मीडिया पर बिताता है। यह आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि इंटरनेट मीडिया दिन प्रतिदिन कितना खतरनाक होता जा रहा है। इंटरनेट मीडिया के अति प्रयोग से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप कुछ दिनों के लिए इंटरनेट मीडिया डिटाक्स पर जाएं और सारे एप्स को हटा दें।
केवल इमरजेंसी काल के लिए फोन इस्तेमाल करें। इंटरनेट का इस्तेमाल बेहतर ढंग से भी किया जा सकता है। आप चाहे तो इंटरनेट मीडिया से दूरी बनाने के लिए इंटरनेट पर अपने पसंद की किताब पढ़ सकते हैं। स्क्रीन के बजाय अपने दोस्तों और स्वजन से जुड़ने में समय बिताएं।
उनके साथ मजेदार गेम्स खेल सकते हैं, लेकिन इस दौरान अपने प्लान से फोन को बाहर जरूर रखें। आज आधुनिक युग तकनीक का है। प्रत्येक व्यक्ति सामाजिक हो चाहे न हो, लेकिन सोशल होना चाहता है। अन्य शब्दों में कहें तो व्यक्ति खुद को इंटरनेट मीडिया के बिना अधूरा समझता है।
वर्तमान समय में आम नागरिकों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए इंटरनेट मीडिया का प्रयोग काफी व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। यहां तक कि सरकारी संस्थाओं व विभागों ने भी अपने सोशल मीडिया खाते बनाए हैं। जहां से संबंधित जानकारियों को प्रसारित कर लोगों को समय-समय पर जागरूक किया जाता है।
कई शोधों में सामने आया है कि दुनिया भर में अधिकांश लोग रोजमर्रा की सूचनाएं सुबह उठते ही इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्राप्त करते हैं। भारत जैसे राष्ट्र की बात करें तो इंटरनेट मीडिया एक वरदान भी है और कई मायनों में यह समस्याओं का उत्पादक भी बन गया है। आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में भारत में तकरीबन 350 मिलियन इंटरनेट मीडिया यूजर हैं और एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2023 तक यह संख्या लगभग 447 मिलियन तक पहुंच जाएगी।