संभल में शांति-व्यवस्था भंग होने की आशंका को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट, 31 दिसंबर तक धारा 163 लागू
संभल में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और शांति-व्यवस्था भंग होने की आशंका को देखते हुए डीएम डॉ. राजेन्द्र पैंसिया ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह आदेश 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा।

डीएम डॉ. राजेन्द्र पैंसिया।- फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, बहजोई। जनपद में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और शांति-व्यवस्था भंग होने की आशंका को देखते हुए डीएम डॉ. राजेन्द्र पैंसिया ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह आदेश 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा।
आदेश के अनुसार, महंत ऋषिराज गिरी द्वारा कैला देवी मंदिर से संबंधित विवादित दावा चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने और उसके बाद एडवोकेट कमीशन द्वारा सर्वे के दौरान हुए पथराव, आगजनी व गोलीबारी के चलते माहौल अति संवेदनशील हो गया है। साथ ही आगामी 19 नवंबर को गुरु नानक जयंती, 24 नवंबर को गुरु तेग बहादुर शहीद दिवस और 25 दिसंबर को क्रिसमस जैसे पर्वों के दौरान शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका जताई गई है।
डीएम ने आदेश में कहा है कि विभिन्न किसान संगठनों और अन्य प्रदर्शनकारियों के प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन से भी लोक प्रशांति प्रभावित हो सकती है। इसलिए जनपद में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने, जुलूस निकालने, रैली, धरना या घेराव करने पर प्रतिबंध रहेगा।
धार्मिक, राजनीतिक या सामाजिक स्थलों पर बिना अनुमति लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक किसी भी ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग वर्जित रहेगा। किसी को भी सार्वजनिक स्थल पर लाठी, डंडा, तलवार, आग्नेयास्त्र या किसी भी प्रकार के घातक हथियार लेकर चलने की अनुमति नहीं होगी।
इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ संदेश, अफवाह या धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली पोस्ट पर सख्त प्रतिबंध रहेगा और इसका उत्तरदायित्व ग्रुप एडमिन पर होगा। किसी भी समुदाय के व्यक्ति द्वारा दूसरे समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कोई कार्यक्रम या भाषण नहीं किया जा सकेगा। धार्मिक स्थलों पर बैनर, पोस्टर लगाने, पुतला जलाने और सार्वजनिक स्थानों पर मदिरापान या धूम्रपान करने पर भी रोक रहेगी।
परीक्षाओं के दौरान परीक्षा केंद्रों के 100 मीटर दायरे में ध्वनि विस्तारक यंत्रों, पीसीओ, साइबर कैफे और फोटो कॉपी केंद्रों के संचालन पर प्रतिबंध रहेगा। होटल, धर्मशालाओं और गेस्ट हाउस संचालकों को अतिथियों की पहचान का प्रमाण सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा। इस निषेधाज्ञा का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। आदेश का प्रचार पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर नोटिस बोर्डों, समाचार पत्रों और माइकिंग के माध्यम से कराया जाएगा।

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