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    संभल के 13 तीर्थों का पर्यटन एवं संस्कृति विभाग से होगा कायाकल्प, अन्य तीर्थों की पहचान भी जारी

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 04:48 PM (IST)

    संभल अपनी पौराणिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। अब यहां के 68 प्राचीन तीर्थों में से 13 तीर्थों का जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण का कार्य पर्यट ...और पढ़ें

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    संवाद सहयोगी, संभल। संभल अपनी पौराणिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। अब यहां के 68 प्राचीन तीर्थों में से 13 तीर्थों का जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण का कार्य पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की ओर से कराया जाएगा, जिसके लिए प्रशासन द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही अन्य तीर्थों की पहचान करने का कार्य भी जारी है। नगर पालिका भी अपनी वंदन योजना के तहत कुछ तीर्थों का सुंदरीकरण करा रही है। मालूम हो कि संभल में 68 तीर्थ और 19 पौराणिक कूप हैं।

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    संभल नगर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व अत्यंत गहरा है। संभल का नाम आते ही धार्मिक विरासत का स्मरण होता है। इसे भगवान विष्णु के कल्कि अवतार की जन्मस्थली के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा यहां कई प्राचीन मंदिर, 68 प्राचीन तीर्थ और 19 पौराणिक कूप मौजूद हैं, जो इसकी समृद्ध विरासत का प्रमाण हैं। यहां ऋषि मुनी तप किया करते थे। वर्तमान में इन तीर्थों की परिक्रमा होती है। इसमें से हर तीर्थ की अपनी अलग अलग मान्यता है।

    मान्यताओं के अनुसार संभल की धरा पर जिसकी भी मृत्यु होगी वह मोक्ष को प्राप्त होगा। इसका उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। समय के साथ साथ कई तीर्थ स्थलों की स्थिति काफी जर्जर हो गई या फिर वह विलुप्त हो गए। प्रशासन ने अब तक 38 तीर्थों की पहचान की है। इसमें कुछ तीर्थ नगर पालिका क्षेत्र में है। जिसका जीर्णाेद्धार और सुंदरीकरण वंदन योजना के तहत किया जा रहा है।

    इसके अलावा कुछ तीर्थ ग्राम पंचायतों में स्थित हैं। ब्लाक स्तर से ऐसे तीर्थस्थलों की सूची बनाई थी, जिनमें से 13 तीर्थों के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया पर्यटन एवं संस्कृति विभाग से शुरू होनी है। पर्यटन विभाग और संस्कृति विभाग की ओर से इन तीर्थस्थलों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।

    इस योजना के तहत इन स्थानों की सफाई, सड़कों का निर्माण, सुंदरीकरण, कुंड का निर्माण व श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जाना है। इसके लिए ब्लाक स्तर से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इन तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यहां के पौराणिक स्थलों को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। प्रशासन की योजना है कि इन स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोग यहां आकर धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ उठा सकें।

    इन तीर्थों का होगा जीर्णाेद्धार

    शेर खां सराय स्थित चतुस्सागर तीर्थ, नैमिषारण्य तीर्थ, एकांति तीर्थ, ऊर्ध्य रेता तीर्थ, अवंतीसर तीर्थ, गांव घुंघावली स्थित मध्य पुष्कर तीर्थ व ब्रह्मावर्त तीर्थ, कूमलपुर सराय स्थित वग्भारती तीर्थ व भविष्यगंगा तीर्थ, बेनीपुर चक स्थित वंश गोपाल तीर्थ, गांव जलालपुर मोहम्मदाबाद स्थित चक्रपाणी तीर्थ, स्वर्गदीप तीर्थ और मत्स्यो दरी तीर्थ।

     

    नगर पालिका की ओर से इन तीर्थों को चिन्हित कर पर्यटन एवं संस्कृति विभाग को भेज दिए हैं। उन्हीं की ओर से इनका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। डॉ. मणिभूषण तिवारी, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, संभल