Move to Jagran APP

दुखों का सामना कर लेडी आयरन बनी रुखसाना

सच कहा गया है कि चार बच्चों से एक मां नहीं पाली जाती जबकि वही मां बेसहारा होने के बाद चार बच्चों को पाल कर इस लायक कर देती है कि वह जिदगी की गाड़ी आसानी से खींच सकें। हमारे सामने ऐसे तमाम उदाहरण आ चुके हैं जो मां के जज्बे को सलाम करते हैं। एक ऐसी ही मां हैं गुन्नौर क्षेत्र में रहने वाली रुखसाना। जिसने सालों पहले पति के गायब होने के बाद दुखों से घबराने की बजाए उनका डटकर सामना करने का फैसला लिया। वजह अपनों की बेरुखी के

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 12:01 AM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 06:16 AM (IST)
दुखों का सामना कर लेडी आयरन बनी रुखसाना
दुखों का सामना कर लेडी आयरन बनी रुखसाना

गुन्नौर: सच कहा गया है कि चार बच्चों से एक मां नहीं पाली जाती, जबकि वही मां बेसहारा होने के बाद चार बच्चों को पाल कर इस लायक कर देती है कि वह जिदगी की गाड़ी आसानी से खींच सकें। हमारे सामने ऐसे तमाम उदाहरण आ चुके हैं जो मां के जज्बे को सलाम करते हैं। एक ऐसी ही मां हैं गुन्नौर क्षेत्र में रहने वाली रुखसाना। जिसने सालों पहले पति के गायब होने के बाद दुखों से घबराने की बजाए उनका डटकर सामना करने का फैसला लिया। वजह अपनों की बेरुखी के कारण रुखसाना के सामने चार बच्चों को पालने की जिम्मेदारी आ गई थी। खेतों में मेहनत-मजदूरी करने के साथ ही लकड़ियों को काटकर उनके टुकड़े बेचकर बच्चों को पालना शुरू किया। आज लेडी आयरन बनी रुखसाना ने दो बेटी और एक बेटे का निकाह अपने दम पर करके उनका घर बसा दिया।

loksabha election banner

कस्बा गुन्नौर के मेरठ-बदायूं मार्ग पर सड़क किनारे झोपड़ी डालकर रुखसाना ने आशियाना बना रखा है। आशियाने के सामने रोजाना मशीन से लकड़ी के टुकड़े काटकर वह जीवन यापन करती है। जिदगी में आए उतार-चढ़ाव के बारे में पूछने पर रुखसाना ने बताया कि उसका निकाह बीस साल पहले दहगवां निवासी छोटे के साथ हुआ था। उसकी दो बेटी व दो बेटे हुए। छोटा बेटा आमिर के होने के कुछ समय बाद दुखों का पहाड़ टूट गया। करीब नौ साल पहले घर से निकला छोटे गायब हो, जिसका आज तक पता नहीं चल सका है। हालांकि गायब होने के कुछ समय बाद बनियाठेर पुलिस ने छोटे की बाइक लावारिस हालत में बरामद कर ली। रुखसाना के अनुसार पति के गायब होने के बाद रिश्तेदारों ने भी मुंह मोड़ लिया। अब उसके सामने बच्चों की परवरिश की चिता थी। दुखों से घबराने की बजाए उसने लड़ने का फैसला लिया। बच्चों को लेकर ससुराल छोड़कर गुन्नौर आ गई।

यहां से शुरू हुआ रुखसाना का संघर्ष। सड़क किनारे झोपड़ी डालकर अपना आशियाना बनाया और मेहनत-मजदूरी करके बच्चों को पालने लगी। बच्चे बड़े हुए तो जरूरतें बढ़ी। रुखसाना के अनुसार फिर उसने लकड़ी काटकर उसके टुकड़े बेचने शुरू किए। फिर बच्चों का भी सहारा मिला तो काम सही चलने लगा। रुखसाना के अनुसार मेहनत-मजदूरी करके उसने बेटी रुखसार, हिना व बेटे शाहरूख का निकाह कर घर बसा दिया। लेडी आयरन बनी रुखसाना के अनुसार हालांकि दुखों ने फिर एक बार उसकी जिदगी में हलचल मचा दी। करीब तीन साल पहले छोटा बेटा आमिर करंट की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गया। उसके इलाज में करीब तीन लाख का कर्जा हो गया। हालांकि फिर मेहनत-मजूदरी करके बेटे को सही कराने के बाद अब कर्जा उतार रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.