मोदी के डिजिटल इंडिया के सपनों में साइबर ठगों की सेंधमारी
सम्भल(अंकित गोस्वामी): मोदी सरकार डिजिटल इंडिया को प्रभावी बनाने के लिए कैशलेस सिस्टम बनाने
सम्भल(अंकित गोस्वामी): मोदी सरकार डिजिटल इंडिया को प्रभावी बनाने के लिए कैशलेस सिस्टम बनाने पर जोर दे रही है तो दूसरी तरफ यही प्रणाली साइबर ठगी का बड़ा जरिया बनती जा रही है। साइबर अपराधी नए-नए तरीके से अशिक्षित ही नहीं पढ़े-लिखे लोगों को भी निशाना बना रहे हैं। सम्भल जिले में भी आए दिन लोगों से ठगी के मामले सामने आते रहे है। पिछले 19 माह में 42 लोगों ने ठगी के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई है। सबसे ज्यादा साइबर अपराध चंदौसी में होना सामने आया है। यह आकड़े जनसूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी में सामने आए है।
जिले में साइबर ठग भी हावी है। ठगी के बाद जब तक पुलिस नंबर की डिटेल व लोकेशन का पता लगाती है, तब तक ठग का मोबाइल नंबर बंद हो चुका होता है। ऐसे में पुलिस उनका पता भी मुश्किल से निकाल पाती है। पुलिस अधिकारियों की माने तो हमारी लापरवाही के कारण साइबर हैकर्स को काफी फायदा होता है। हमारे फेसबुक, वाट्सएप, ईमेल और अन्य माध्यमों पर साझा की गई जानकारियों के माध्यम से साइबर हैकर्स सेंध लगाते हैं। इसके बाद वह वारदात को अंजाम देते है। कुछ लोगों को तो साइबर ठग फोन के माध्यम से खुद को बैंक अधिकारी बताकर खाता के डिटेल ले लेते है और रकम उड़ा देते है। सम्भल जिले में लगातार ऐसी वारदातें सामने आती रही है। पिछले 19 माह में जनपद के 11 थानों में 42 मुकदमे आइटी एक्ट के दर्ज किए गए है। जिनमें 19 मामलों में अपराध न होना पाते हुए अंतिम रिपोर्ट लगा दी गई है। इसके अलावा 23 मामलों में अपराध का होना पाया गया है। ऐसे मामलों में पुलिस पीड़ित को न्याय दिलाने में सफल नहीं हो रही है। बैंककर्मी बनकर जानकारी लेना और फिर ठग लेना
बैंक अधिकारी बनकर ठग लोगों से उनके एटीएम, पिन व वन टाइम पासवर्ड पूछ लेते हैं। फिर उनके एकाउंट से ई शॉ¨पग करने के साथ ही रुपये निकाल लेते हैं। शहर के अधिवक्ता प्रदीप कुमार गुप्ता के खाते से साइबर ठगों ने 35 हजार निकाल लिए थे। इसके बाद भी ठग नहीं पकड़े गए। थाना दर्ज अभियोग
चन्दौसी 14
सम्भल 07
बहजोई 07
हयातनगर 04
नखासा 03
गुन्नौर 02
रजपुरा 02
असमोली 01
बनियाठेर 01
धनारी 01