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धू-धू कर जला बुराई का प्रतीक रावण

सम्भल श्री आदर्श रामलीला कमेटी की ओर से नगरपालिका मैदान में रामलीला का आयोजन किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 12:20 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 12:20 AM (IST)
धू-धू कर जला बुराई का प्रतीक रावण
धू-धू कर जला बुराई का प्रतीक रावण

सम्भल: श्री आदर्श रामलीला कमेटी की ओर से नगरपालिका मैदान में रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें रविवार को रावण वध की लीला का मंचन किया गया। लीला को कलाकारों ने बड़े अच्छे ढ़ग से दर्शाया। जिसे देखने के लिए दर्शक देर रात तक पंडाल में बैठे रहे। इस बार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से मेले का आयोजन नहीं किया गया।

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चन्दौसी रोड स्थित कुरुक्षेत्र मैदान में विजयदशमी पर प्रत्येक वर्ष मेले का आयोजन होता था। जिसमें आस पास के ग्रामीण क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग आते थे। महिलाएं और बच्चे मेले में चाट पकौड़ी का लुत्फ उठाते थे, लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से कुरुक्षेत्र मैदान में मेले का आयोजन नहीं किया गया। जबकि परंपरा को कायम रखने के लिए कुरुक्षेत्र मैदान में रावण व मेघनाथ के पुतले में भगावान श्रीराम ने बाण मारकर आग लगा दी। बाण लगते ही पूतला धू धू कर जलने लगा। रात में कलाकारों मंचन करते हुए रावण वध किया। जब रावण की सेना भगवान श्रीराम ने पूरी तरह पस्त कर दी थी और उसके बेटे व भाइयों को भगवान श्रीराम ने मार दिया था। उसके बाद रावण स्वयं युद्ध करने के लिए रणभूमि आए। जहां भगवान राम ने रावण से युद्ध करते हुए उसका वध कर दिया।

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हनुमान ने जलाई लंका

कस्बा गवां में रामलीला मंचन में हनुमान ने रावण की सोने की लंका जला दी। इससे राक्षसों में हाहाकार मच गया। जामवंत के सुझाव पर हनुमानजी को लंका भेजने का निर्णय हुआ। वायुमार्ग से जाते समय रास्ते की बाधाओं को पार करते हुए हनुमानजी लंका पहुंचे। उन्होंने देखा कि अशोक वाटिका में रावण अनेक राक्षसियों को लेकर सीता जी को त्रास दे रहा था। रावण के जाने के बाद हनुमान सीता के सामने प्रकट हुए। उन्होंने राम की मुद्रिका देकर पूरी जानकारी दी। भूख लगने पर हनुमान पेड़ से तोड़कर फल खाने लगे। वाटिका के पहरेदारों ने उनको पकड़ने की कोशिश की तो उन्होंने उनको मारकर वाटिका उजाड़ दी। इस पर मेघनाद ने हनुमान को बंधक बनाकर रावण के सामने पेश किया। रावण के निर्देश पर हनुमान की पूंछ में आग लगा दी। प्रतिरोध में हनुमान ने लंका को आग के हवाले कर दिया। इससे पूरी लंका के निश्चरों में हाहाकार मच गया।


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