मुसलमानों के लिए इनाम है रमजानुल मुबारक
सम्भल : मदरसा नासिर उल उलूम के उस्ताद कारी फुरकान ने बताया कि रमजानुल मुबारक का महीना मुसलमानों के
सम्भल : मदरसा नासिर उल उलूम के उस्ताद कारी फुरकान ने बताया कि रमजानुल मुबारक का महीना मुसलमानों के लिए बहुत ही बड़ा इनाम है। मगर इस इनाम की कदर भी की जाए। अगर लोगों को यह मालूम हो जाए कि रमजान क्या चीज है तो यह तमन्ना करें कि सारा साल रमजान ही हो जाए।
उन्होंने कहा कि हजरत सलमान कहते हैं नबी करीम सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने शाबान की आखिरी तारीख में हम लोगों को वास फरमाया तुम्हारे ऊपर एक महीना आ रहा है जो बहुत बड़ा महीना है। बहुत मुबारक महीना है। इसमें एक रात है शब-ए-कद्र हजारो महीनों से बढ़कर है। अल्लाह ताला ने उस के रोजे को फर्ज फरमाया। उसके रात के कायम यानी तराबीह को सवाब की चीज बनाया। जो शख्स इस महीने में किसी नेकी के साथ अल्लाह का कुरब हासिल करें। ऐसा है जैसे के गैर रमजान में फर्ज अदा किया। जैसे के गैर रमजान में 70 फर्ज अदा करें। यह महीना सब्र का है और सब्र का बदला जन्नत है। जो शख्स किसी रोजेदार को रोज अफ्तार कराए उसके लिए गुनाहों के माफ होने और आज से उसके लिए गुनाहों से माफ होने और आगे से खुला सी का सबब होगा।
शिक्षिका फरहीन कुरैशी ने कहा कि अल्लाह ताला ने माहे रमजान में ऐसी चीजें अता की हैं जो पहले की नबियो को ना मिली।
जब रमजान की पहली रात आती है तो अल्लाह ताला उनकी यानी उम्मत मोहम्मद की तरफ रहमत की नजर फरमाता है और अल्लाह जिस पर रहमत की नजर फरमाए उसे कभी अ•ाब ना देगा। जब शाम के वक्त उनके मुंह से बू आती है जो भी जो भूख और प्याज की वजह से होती है वह अल्लाह के नजदीक मुश्क खुशबू से भी भी बेहतर है। फरिश्ते रात और दिन उनके लिए मगफिरत की दुआ करते हैं। अल्लाह ताला जन्नत को हुक्म देता है कि मेरे नजदीक अपने बंदों के लिए मुजाहिन रास्ता हो जाए। जब माहे रमजान की आखिरी रात आती है तो अल्लाह ताला सबकी मकफीरत फरमा देता हैं।