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पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े पर नहीं बढ़ा भाड़ा

बजट से आस पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े पर नहीं बढ़ सका भाड़ा

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 11:58 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 11:58 PM (IST)
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े पर नहीं बढ़ा भाड़ा
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े पर नहीं बढ़ा भाड़ा

सम्भल: पेट्रोलियम पदार्थो के दामों में आए दिन बढ़ावा हो रहा है। पेट्रोल और डीजल के दाम तो आसमां छू रहे हैं। आए दिन दामों में बढ़ोत्तरी होने के कारण आम आदमी से लेकर व्यापारी तक परेशान है। वजह एक ओर डीजल-पेट्रोल के दाम तो बढ़ रहे हैं लेकिन भाड़ा अभी भी सालों पुराना चल रहा है। जिस कारण मौजूदा समय में ट्रांसपोर्ट का कारोबार घाटे का सौदा साबित हो रहा है। अगर ट्रांसपोर्टर किराया बढ़ाने का प्रयास करते हैं तो खुदरा व छोटा व्यापारी विरोध में उतर आता है। यही वजह है कि ट्रांसपोर्टरों की तमाम गाड़ियां अब उनके गैरेज में खड़ी रहती हैं। इस कारोबार को नई उड़ान देने के लिए ट्रांसपोर्टरों को बजट से उम्मीद है। वह चाहते हैं कि या तो पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी की जाए या फिर किराए में बढ़ोत्तरी का प्रावधान हो।

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आए दिन बढ़ने वाली महंगाई किसी से छुपी नहीं हैं। महंगाई के कारण आम आदमी का बजट गड़बड़ा गया है। किचन के सामान से लेकर सब्जियों तक के दाम आसमां छू रहे हैं। गैस सिलेंडर के दामों में भी आए दिन इजाफे हो रहे हैं। रोजमर्रा के सामानों में हो रही महंगाई से सबसे अधिक आम आदमी परेशान है। पेट्रेाल-डीजल भी इसी की श्रेणी में आता हे। अक्सर केंद्र सरकार इनके दामों में इजाफा कर देती है। अक्सर बढ़ने वाले दामों से आम आदमी परेशान है। वहीं व्यापारी भी इससे अछूता नहीं हैं। खासतौर पर ट्रांसपोर्ट का धंधा मंदा होता जा रहा है। वजह पेट्रोल-डीजल के दाम तो बढ़ रहे हैं लेकिन ट्रांसपोर्टर भाड़ा नहीं बढ़ा पा रहे हैं। अगर कभी भाड़ा बढ़ाने का प्रयास भी करते हैं तो व्यापारी विरोध में उतर आते हैं।

आए दिन पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी होने से कारोबार मंदा होता जा रहा है। भाड़ा अभी भी करीब दस साल पुराना चल रहा है। जबकि डीजल के दामों में हर महीने बढ़ोत्तरी हो रही है।

हाजी अरशद, ट्रांसपोर्टर आम आदमी के साथ ही व्यापारी भी इससे प्रभावित होते हैं। महंगाई बढ़ रही है लेकिन इसे कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं हैं। सरकार पेट्रोलियम पदार्थो के दामों में कमी करे।

मोहम्मद अली, ट्रांसपोर्टर भाड़ा करीब दस साल पहले वाला ही लिया जा रहा है। यही वजह है कि अब ट्रांसपोर्ट का कारोबार घाटे का सौदा साबित हो रहा है। कारोबार को बचाने के लिए केंद्र सरकार कोई सही फैसला ले।

वसीम अहमद,ट्रांसपोर्टर ट्रांसपोर्टर व अन्य व्यापारी जीएसटी व ई-बिल से पहले से ही परेशान हैं। जीएसटी का सरलीकरण हो तो कुछ राहत मिले। वहीं पेट्रोलियम पदार्थाे के बढ़ते दामों के कारण ट्रांसपोर्ट का कारोबार काफी मंद हो चुका है।

फैजान, ट्रांसपोर्टर


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