मनरेगा से मजदूरों को साढ़े चार करोड़ का भुगतान
बहजोई कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन के कारण जहां बड़े पैमाने पर मजदूर शहरों को छोड़कर वापस अपने-अपने गांव आए हैं।
बहजोई: कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन के कारण जहां बड़े पैमाने पर मजदूर शहरों को छोड़कर वापस अपने-अपने गांव आए हैं, वहीं राहत की बात ये है कि उन्हें गांवों में मनरेगा के तहत काम भी मिल रहा है।
जिले में अबतक करीब 29 हजार प्रवासी लोग अन्य राज्यों से जनपद में वापस लौटे हैं, जिनमें अधिकतर ग्रामीण हैं। जिनके समक्ष रोजगार का संकट है, ऐसे में मनरेगा रोजगार उपलब्ध कराने में कारगर साबित हो रही है। जिसके अंतर्गत जिले के सभी विकासखंड क्षेत्रों में 1.14 लाख मजदूर पंजीकृत हैं। दो माह के दौरान 26,613 मजदूरों ने मनरेगा में काम करते हुए 4.5 करोड़ का भुगतान पाया है। वर्तमान में 30,962 मजदूर काम कर रहे हैं। बाहर से आए प्रवासी मजदूरों में भी लगभग चार हजार कामगारों को नया जॉब कार्ड प्रदान कर रोजगार मुहैया कराया गया है। विगत दो माह(लॉक डॉउन) के आंकड़े-
सृजित मानव दिवस- 2,59,165
कार्यरत मजदूर- 30,962
लाभार्थी परिवार- 28041
नए जॉब कार्ड- 7472
दिव्यांग- 582
जल संचय व संरक्षण कार्य- 497
बाढ़ नियंत्रण कार्य- 155
मिट्टी कार्य- 2246
कोट-
जिले में लॉकडाउन लागू होने के साथ ही मनरेगा के अंतर्गत सभी पंचायतों ने युद्ध स्तर पर काम करना शुरू कर दिया था। हमनें अबतक 4.5 करोड़ का भुगतान मजदूरों को करा दिया है, नए मजदूर भी बनाये जा रहे हैं। औसतन 30 हजार मजदूर रोज काम कर रहे हैं, जिससे रोजगार उपलब्ध कराने में मनरेगा बेहतर कर रहा है।
- बलवंत सिंह, मनरेगा उपायुक्त, सम्भल