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आलू बीज वितरण में टूटी शारीरिक दूरी, लगी भीड़

चन्दौसी किसानों के साथ किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है इसका उदाहरण सोमवार को सम्भल ि

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 12:23 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 12:23 AM (IST)
आलू बीज वितरण में टूटी शारीरिक दूरी, लगी भीड़
आलू बीज वितरण में टूटी शारीरिक दूरी, लगी भीड़

चन्दौसी: किसानों के साथ किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है, इसका उदाहरण सोमवार को सम्भल तिराहे स्थित एक कोल्ड स्टोरेज में आलू का बीज वितरण होते समय नजर आया। जिन किसानों ने बीज के लिए आवेदन किया था। उन सभी को बुला लिया गया, लेकिन बाद में कुछ को बीज दिया गया। बाकी को अगले दिन आने की बात कहते हुए भेज दिया। पूरे दिन किसान बीज के लिए परेशान रहे। हालत यह थी कि कोरोना की गाइडलाइन का भी पालन नहीं हुआ। शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं हुआ। बिना मास्क के किसान बीज के लिए मारामारी करते रहे। यह सब कुछ जिला उद्यान अधिकारी के सामने होता रहा। इस दौरान 216 क्विटल आलू का बीज वितरित किया गया।

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जिला उद्यान विभाग द्वारा किसानों को आलू का बीज वितरण किया जा रहा है। सोमवार को एक बार फिर से तीन सौ से अधिक किसानों को बीज के लिए बुला लिया गया। हालत यह थी कि सुबह होते ही किसानों की भारी भीड़ चन्दौसी के सम्भल तिराहे स्थित एक कोल्ड स्टोरेज में जमा हो गई। दो कर्मचारी रजिस्टर लेकर बैठ गए। अपना नंबर देखने के लिए किसान सट-सटकर खड़े हो गए। इस दौरान उनके मुंह पर मास्क भी नजर नहीं थे। हालात बिगड़ते देख पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा। पुलिस ने कुछ व्यवस्था सुधारी, लेकिन कुछ देर बाद फिर से मारामारी होने लगी। शाम तक किसान बीज के लिए परेशान रहे। मगर उसके बाद भी तमाम किसान ऐसे थे जिन्हें आलू का बीज का नहीं मिला। जिला उद्यान अधिकारी सुगर सिंह ने बताया कि जो किसान रह गए हैं उन्हें मंगलवार को बीज दिया जाएगा। एक किसान को मिला दो बोरी बीज

चन्दौसी: विभाग को शासन की तरफ से चिपसोना, सूर्य प्रजाति के आलू का बीज 276 क्विटल प्राप्त हुआ था। जबकि आवेदन तीन सौ किसानों से अधिक के थे। ऐसे में विभाग के अधिकारियों ने किसानों को दो-दो बोरी बीज वितरित करना शुरू कर दिया। एक बोरी में 50 किलो बीज है। इतने बीज में किसान एक बीघा आलू भी नहीं लगा सकेगा। जबकि किसानों को उम्मीद थी कि सरकार की तरफ से मिलने वाले बीज से आलू लगाएंगे। पहले ही चस्पा कर देनी चाहिए थी सूची

चन्दौसी: इसे विभाग की लापरवाही कहें या फिर किसानों की जिदगी से खिलवाड़। अगर अधिकारी चाहते तो किसानों के जुटने वाली भीड़ को रोका जा सकता था। अगर विभाग जिन किसानों को बीज देना चाह रहा था उनके नाम और नंबर की सूची चस्पा कर देता तो किसान अपना नंबर देखने के बाद बैठ जाते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और किसान अपना नंबर देखने के लिए परेशान रहे।


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