कूड़ा प्रबंधन में लापरवाही: शासन की कवायद असफल, गांवों में सड़कों पर कूड़े के अंबार
गांवों में कूड़ा प्रबंधन की स्थिति चिंताजनक है, जहां सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। शासन की कवायद असफल हो रही हैं और स्वच्छता अभियान का असर कम दिख रहा है। ग्रामीणों का जीवन प्रभावित हो रहा है, और प्रशासन की उदासीनता समस्या को बढ़ा रही है। जन जागरुकता और सरकारी नीतियों में सुधार की आवश्यकता है।

जागरण संवाददाता, संभल। ठोस अपशिष्ट कूड़ा प्रबंधन केंद्र...। ये वह केंद्र हैं जो, शासन की कवायद पर बने थे। मकसद था कि गांव के कूड़े को एक स्थान पर लाकर उसे अलग-अलग करते हुए आय का जरिया बनाया जाएं। मगर, स्थानीय अधिकारियों की अनदेखी और सफाई कर्मचारियों की लापरवाही से शासन की ये कवायद कबाड़ हो चुकी है। कूड़ा केंद्रों में नहीं बल्कि सड़क किनारे पर एकत्र किया जाता है।
वो भी केंद्र के बाहर ही। जबकि ग्राम पंचायत स्तर पर कूड़ा उठाने के लिए ई रिक्शा, ठेला समेत कई अन्य संसाधन पंचायत स्तर पर हैं और उन्हीं की मदद से सफाई कर्मी पूरे गांव से कूड़ा उठाकर निस्तारण केंद्र पर लाते हैं। मगर उस कूड़े का वहां पर समुचित रूप से निस्तारण नहीं हो पा रहा है। सिर्फ कूड़े को वहां पर लाकर डाल दिया जाता है।
जबकि इस निस्तारण केंद्र के कुछ हिस्से में टीन शेड के नीचे कूड़े के स्थान पर अन्य सामान रखा रहता है। जबकि आसपास की स्थिति काफी खराब हालत में है। क्योंकि कूड़ा कचरा बाहर की ओर पड़ा होने से दुर्गंध दूर तक फैल रही है और उसकी वजह से आसपास के लोगों संग राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ये हकीकत दैनिक जागरण की पड़ताल में सामने आई है।
रजपुरा ग्राम पंचायत के हालात
रजपुरा ग्राम पंचायत क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। सरकार की योजना के तहत ग्राम पंचायत में कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाया है। मगर, वहां भी कूड़ा निस्तारण नहीं हो रहा है। लोगों का कहना है कि सफाईकर्मी नियमित कूड़ा तो इकट्ठा करते हैं लेकिन, पंचायत द्वारा उसके निस्तारण की कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। सारा कचरा महाबा नदी के किनारे फेंका जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है बल्कि संक्रमणजनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। केंद्र के सामने भी कूड़ा का अंबार लगा हुआ है। बहुत परेशानी होेती है।
गांव शहजादी सराय के हालात
संभल ब्लाक क्षेत्र में गांव शहजादी सराय में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र बाइपास की ओर जाने वाले रास्ते पर शनि मंदिर के पास बना हुआ है। उसके पूर्व की सामुदायिक शौचालय, दक्षिण की ओर ग्राम पंचायत सचिवालय, आंगनबाड़ी केंद्र व पास में ही प्राथमिक विद्यालय है। इस ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र के बाहर सामुदायिक केंद्र के पीछे व आंगनबाड़ी केंद्र के सामने की ओर कूड़ा खुले में पड़ा हुआ है। जबकि प्रबंधन केंद्र के गेट पर ताला लगा हुआ था और उसके अंदर ई रिक्शा खड़ा हुआ था।
उसको देखने से लग रहा था कि काफी लंबे समय से उसका उपयोग किया ही नहीं गया है। वहीं खुले में पड़े कूड़े से दुर्गंध के साथ धुंआ भी उठ रहा था। वहां पर एक महिला सफाई कर्मी पहुंची, जिन्होंने अपना नाम चंदा बताया। बोलीं, वह ठेला रिक्शा से गांव का कूड़ा एकत्र कर वहां पर लाई थी। जानकारी करने पर बताया कि यहां पर तीन सफाई कर्मचारी तैनात है। जबकि ग्रामीणों का कहना था कि महिला सफाई कर्मी अकेले ही वहां पर काम करती हैं।
गांव शेर खां सराय के हालात
पंवासा ब्लाक क्षेत्र में गांव शेर खां सराय में कूड़ा निस्तारण केंद्र आबादी से सटा हुआ था। जो कि गांव चंदायन मार्ग पर स्थित है। इसी मार्ग पर सड़क के एक ओर यह कूड़ा निस्तारण केंद्र था तो दूसरी तरफ प्राथमिक विद्यालय, एक इंटर कालेज, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय भी स्थित है। यहां पर भी कूड़ा खुले में पड़ा हुआ था। साथ ही उस कूड़े में किसी ने आग लगा दी थी। जिस कारण उससे धुंआ उठ रहा था।
इतना ही नहीं इस कूड़ा निस्तारण केंद्र की दीवार भी कई जगह से टूटी हुई थी। परिसर में बने वर्मी कंपोस्ट टीन शेड में कट्टों में भरा कुछ सामान रखा हुआ था। एक पुराना ठेला रिक्शा, पुराना ई रिक्शा व चारपाई समेत अन्य सामान रखा हुआ था। जबकि बाहर जिधर देखा उधर कूड़ा बेतरतीब ढंग से पड़ा हुआ था। यहां पर दो सफाई कर्मचारी तैनात है। मगर, हालात खराब हैं।
गांव ऐंचोड़ा कंबोह के स्थिति
असमोली ब्लाक क्षेत्र में गांव ऐंचोड़ा कंबोह में बने कूड़ा निस्तारण केंद्र की स्थिति भी खराब है। यहां पर कूड़ा निस्तारण केंद्र परिसर में बड़ी बड़ी घास उगी होने के साथ ही खुले में कूड़ा फैला पड़ा हुआ था। इसे देखकर लग रहा था कि कूड़े का निस्तारण यहां पर नहीं किया जा रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि गांव में सफाई कर्मी दो-तीन दिन में आता है लेकिन, कूड़ा निस्तारण के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। सिर्फ कूड़ा का ढेर लगा दिया जाता है। जो, सड़ता रहता है और बदबू फैलती है।
कूड़ा प्रबंधन में लापरवाही: शासन की कवायद असफल, गांवों में सड़कों पर कूड़े के अंबार

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